लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार के होने जा रहे ग्राउण्ड ब्रेकिंग सेरेमनी में स्वास्थ्य सेक्टर में डिजिटल डॉक्टर क्लीनिक परियोजना को शामिल किया गया है। इस पूरी परियोजना के माध्यम राज्य में दस हजार से अधिक का निवेश होगा और 19 हजार लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार उपलब्ध होगा। इस परियोजना को लेकर स्वास्थ्य सचिव रंजन कुमार ने प्रगति रिपोर्ट की समीक्षा भी जा चुकी है। .प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग का सबसे बड़ा प्रोजेक्ट डिजिटल डॉक्टर क्लीनिक का कार्य 18 जनपदों में प्रगति के साथ ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी के लिए तैयार है। जिसकी बागडोर ओब्डू ग्रुप को सौंप गई है। कंपनी के सीईओ संजय कुमार के नेतृत्व वाले ग्रुप में एक कंपनी ओब्डू डिजिटल हेल्थ केयर प्रिवेट लिमिटेट है.जो सरकारी नीति का अनुपालन करते हुये डिजिटल डॉक्टर क्लीनिक को धरातल पर उतरने का कार्य कर रही है जिस की रिपोर्ट समय समय पर सरकार के आला पदाधकारियों भी ले रहे है। दरअसल डिजिटल डॉक्टर क्लीनिक टेलीमेडिशन सिद्धांत पर कार्य करने वाला भारत का पहला प्रोजेक्ट है जो गांव और सुदूर क्षेत्र में मरीजों की स्वास्थ्य देखभाल के लिए टेलीमेडिशन के साथ-साथ एक स्वास्थ्य से संबंधित कर्मचारी की उपस्थिति में ग्रामीण क्षेत्र की स्वास्थ्य व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए धरातल पर उतरा है। नई पीढ़ी को ध्यान में रखते हुए उच्च तकनीक (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और ब्लॉकचेन ) जैसी तकनीकी का उपयोग ग्रामीण तथा सुदूर क्षेत्र की स्वास्थ्य व्यवस्था को दुरुस्त करना तथा आयोग डॉक्टर की लापरवाही से इलाज के दौरान होने वाली मृत्यु दर को काम करना डिजिटल डॉक्टर क्लीनिक का उद्देश्य है। बता दें पिछले कुछ वर्षों में टेलीमेडिसिन के द्वारा स्वास्थ्य क्षेत्र में दी गई सेवाएँ दूरसंचार प्रौद्योगिकी के अपेक्षाकृत नए उपयोग के रूप में दिखाई देती हैं, सच्चाई यह है कि टेलीमेडिसिन विगत 30 वर्षों से किसी न किसी रूप में उपयोग में है। नेशनल एयरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन ने टेलीमेडिसिन के शुरुआती विकास में एक महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है। टेलीमेडिसिन में नासा के प्रयास 1960 के दशक की शुरुआत में प्रारंभ हुए जब मानव ने अंतरिक्ष में उड़ान भरना शुरू किया। मिशन के दौरान फिजियोलॉजिकल पैरामीटर को अंतरिक्ष यान से प्रेषित किया गया था। कंपनी के सीईओ संजय कुमार ने परियोजना की विशेषताओं को लेकर बताया है कि प्रदेश सरकार के समझौता ज्ञापन के तहत कंपनी प्रथम चरण में 350 करोड़ का निवेश करने के लिए एमओयू किया था। जिसकी धरातल पर मांग और सफलता को देखते हुये निवेश की राशि को बढाकर 3,350 करोड़ कर दिया गया है। तथा पूरी परियोजना के माध्यम से प्रदेश में 10,000 करोड़ से अधिक का निवेश होगा। वहीं रोजगार की दृष्टि से यह परियोजना प्रदेश के युवा युवतियों के लिए 1,90,000 नौकरियां तथा बतौर प्रतिनिधि रोजगार प्रदान करेगी। प्रदेश सरकार की इस पहल ने ग्रामीण छेत्र में प्रतिनिधि जागरूकता कार्यक्रम के लिए एनजीओ को भी सेवा तथा रोजगार करने का मौका दिया है इस परियोजना में 18 एनजीओ अभी कार्यरत है जिनमें मुख्य रूप से इस प्रोजेक्ट पर ग्रामीण और सुदूर क्षेत्रों में टेलीमेडिसिन और डिजिटल डॉक्टर क्लिनिक के प्रतिनिधि जागरूकता कार्यक्रम पर कार्य कर रहे हैं। जिसे डिजिटल डॉक्टर क्लिनिक प्रोजेक्ट की टीम द्वारा पुरस्कृत किया जा सकता है। राज्य सरकार की इस पहल से गैर सरकारी संगठनों को भी ग्रामीण क्षेत्रों में जागरूकता कार्यक्रम के लिए सेवा और रोजगार उपलब्ध कराने का अवसर मिला है। फिलहाल ये एनजीओ अखिल भारतीय महिला एवं बाल कल्याण समिति, मुमकिन फाउंडेशन, शुभकामना सामाजिक सेवा संस्थान, जेस फाउंडेशन, कृषक महिला गृह शिल्प केन्द्र, कर्तव्य शिला महिला एवं बाल विकास संस्थान, श्री नागेश्वर जनकल्याण समिति सक्रियता के साथ काम कर रहे है। यह एनजीओ मुख्य रूप से इस प्रोजेक्ट पर ग्रामीण और सुदूर क्षेत्रों में टेलीमेडिसिन और डिजिटल डॉक्टर क्लिनिक के प्रतिनिधि जागरूकता कार्यक्रम पर कार्य कर रहे हैं। जिसे डिजिटल डॉक्टर क्लिनिक प्रोजेक्ट की टीम द्वारा पुरस्कृत किया जा सकता है