अखिलेश यादव और केशव प्रसाद मौर्या में तू तू मैं मैं


टीम इंस्टेंटखबर
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव ने बुधवार को विधानसभा में योगी सरकार पर जमकर निशाना साधा. राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा में हिस्सा लेते हुए अखिलेश यादव ने जहां एक तरफ योगी सरकार पर कानून-व्यवस्था, गरीबी और भ्रष्टाचार के मुद्दे पर हमले किए. तो 2012 से 2017 के बीच चली अपनी सरकार के दौरान किए काम की तारीफ भी की. टेक्नॉलजी और कंप्यूटर को लेकर अक्सर सीएम योगी पर तंज कसने वाले अखिलेश यादव ने अपने शब्द वापस लिए और कहा कि अब नेता सदन टेक्नॉलजी सीख गए हैं.

हालाँकि इस बीच अखिलेश यादव का अपनी सरकार में हुए कामों का गिनवाना भाजपा नेता को रास नहीं आया और व्यक्तिगत होते उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि सैफई की ज़मीन बेचकर यह सब बनाया है. केशव मौर्या की इस बेतुकी बात पर अखिलेश यादव ने भी उन्हें उसी भाषा में जवाब दिया कि तुमने अपने पिताजी से पैसा लेकर फ्री राशन बांटा है.

विधानसभा सत्र के तीसरे दिन सदन में अखिलेश यादव ने यूपी की योगी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि, आज तक के इतिहास में अगर कोई सबसे विफल सरकार हुई है तो वह यह सरकार है. प्रदेश में अराजकता का माहौल, ध्वस्त कानून व्यवस्था, सामूहिक बालात्कार, नफरत, भ्रष्टाचार बढ़ाने वाली, विकास रोकने वाली, महंगाई को चरम सीमा पर पहुंचाने वाली यह सरकार है.

विधानसभा को हाईटेक किए जाने की ओर इशारा करते हुए अखिलेश यादव ने कहा, पांच साल के अंदर नेता सदन टेक्नॉलजी जान गए हैं. मैं स्वंय अपने शब्द वापस ले रहा हूं. मैं कभी कभी कह देता था कि हमारे नेता सदन टेक्नॉलजी नहीं समझते हैं.

सीएम योगी को अक्सर बाबा कहकर संबोधित करने वाले अखिलेश यादव 2022 के विधानसभा चुनाव में लगभग हर मंच से यह कहते थे कि मुख्यमंत्री कंप्यूटर चलाना नहीं जानते हैं. बाद में उन्होंने यह भी कहना शुरू कर दिया कि योगी स्मार्टफोन भी चलाना नहीं जानते हैं. इसी को लेकर उन्होंने आज सदन में कहा कि मैं अपने शब्द वापस लेता हूं.

अखिलेश यादव ने इकाना स्टेडियम में हुएआयोजनों के लिए योगी सरकार पर तंज कसा. उन्होंने कहा, ”जब सबसे बड़ा वितरण करना था. लोगों को दिखाना था कि मैं सरकार में हूं और लोगों को स्मार्टफोन और लैपटॉप दूंगा तो उसी स्टेडियम में नेता सदन ने बांटे. हमें खुशी इस बात की भी है कि जब आपको शपथ लेने का मौका मिला तो आपके पास कोई दूसरी जगह नहीं थी आपको इकाना ही जाना पड़ा.’ अखिलेश यादव ने अपनी सरकार को इकाना स्टेडियम का क्रेडिट दिया.