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यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की को पिछले हफ्ते से कम से कम तीन बार जान से मारने की कोशिश की गई। एक ब्रिटिश अखबार ने अपनी रिपोर्ट में यह दावा किया है। रिपोर्ट के अनुसार जेलेंस्की को मारने के लिए क्रेमलिन समर्थित स्पेशल फोर्स भेजी गई थी। हालांकि, तीनों बार जेलेंस्की बचने में कामयाब रहे।

ब्रिटेन की ‘द टाइम्स’ की रिपोर्ट के अनुसार रूस के वैग्नर ग्रुप (Wagner Group) और चेचेन स्पेशल फोर्स ने पिछले हफ्ते यूक्रेन के राष्ट्रपति को मारने की ये कोशिशें की थी।

रिपोर्ट के अनुसार रूस की संघीय सुरक्षा सेवा (एफएसबी) के भीतर युद्ध-विरोधी कुछ सदस्यों ने साजिश के बारे में यूक्रेन के अधिकारियों को सतर्क कर दिया था। इसलिए जेलेंस्की की जान बच गई। यूक्रेन के राष्ट्रीय सुरक्षा और रक्षा के सचिव ने जेलेंस्की की हत्या के तीन विफल प्रयासों की पुष्टि की है।

यूक्रेन की ओर से स्थानीय मीडिया को बताया गया कि उन्हें ऐसे ‘डबल एजेंट’ से साजिश की सूचना मिली थी जो इस खूनी युद्ध में भाग नहीं लेना चाहते हैं या इसके खिलाफ हैं।

रिपोर्ट के अनुसार हत्या की योजनाओं में से एक खबर की बदौलत 36 घंटे का कर्फ्यू वीकेंड पर लगाया गया था ताकि सैनिक रूसी समर्थकों के लिए चीजें आसान नहीं हों। नागरिकों को चेतावनी दी गई थी कि अगर उन्हें कर्फ्यू के दौरान घरों से बाहर देखा गया तो उन्हें मारा जा सकता है, क्योंकि उन्हें दुश्मन माना जाएगा।

सूत्रों का कहना है कि वैग्नर ग्रुप के भाड़े के सैनिक जनवरी से यूक्रेन में हैं और जेलेंस्की और उनके सहयोगियों को सेल फोन के माध्यम से ट्रैक कर रहे हैं। एक मार्च को एक चेचन दस्ते ने भी जेलेंस्की को मारने की कोशिश की थी, लेकिन असफल रहे क्योंकि FSB की ओर से उनके मूवमेंट की सूचना दी गई थी।

इस हफ्ते की शुरुआत में ‘द न्यू वॉयस ऑफ यूक्रेन’ में एक रिपोर्ट में यूक्रेन के राष्ट्रीय सुरक्षा और रक्षा परिषद के सचिव ओलेक्सी डैनिलोव के हवाले से कहा गया था कि रूसी सूत्रों ने कीव को जानकारी दी थी ताकि संभावित हत्यारों को खोजने में अधिकारियों को सहायता मिल सके।

बता दें कि रूस के हमले के बाद से ही जेलेंस्की की जान को खतरा बताया जा रहा है। खुद जेलेसेंकी हत्या के प्रयासों से हैरान नहीं हैं। उन्होंने पहले ही कहा था कि उन्हें पता है कि वह ‘लक्ष्य नंबर एक’ हैं। बहरहाल तमाम जोखिम के बावजूद, जेलेंस्की ने कीव छोड़ने से इनकार कर दिया है। हाल में अमेरिका द्वारा जेलेंस्की को यूक्रेन से बाहर निकलने में मदद की पेशकश भी की गई थी।