लखनऊ:
यूपी कांगे्रस विधान मण्डल दल की नेता आराधना मिश्रा मोना ने आज कहा कि ऐसा मालूम होता है कि प्रदेश सरकार में ‘‘स्थानांतरण उद्योग’’ बढ़ता जा रहा है, कई महत्वपूर्ण विभाग के मंत्रियों तथा राज्य मंत्रियों ने लिखकर एवं मौखिक रूप से और मीडिया के द्वारा भी लखनऊ से लेकर दिल्ली तक अपनी पीड़ा तथा असंतोष खुलेआम व्यक्त किया है । उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में कई बार ‘‘इन्वेस्टमेण्ट समिटि’’ हुई, लेकिन जो घोषणायें की गयी वह केवल घोषणा ही रह गयीं, उस अनुपात मेे न ही इन्वेस्टमेण्ट हुआ और न नौकरियां ही मिली ।

प्रदेश सरकार में राज्यमंत्री दिनेश खटीक ने विभाग की कार्य प्रणाली पर आरोप लगाते हुए कहा है कि वह दलित समुदाय से आते है इसलिये कैबिनेट मन्त्री उनकी नहीं सुनते हैं और यही नहीं विभाग के अधिकारी भी उन्हें तवज्जों नहीं दे रहे हैं । सैकड़ों करोड़ की ‘‘इन्वेस्टमेण्ट समिटि’’ की जो घोषणायें की गयी उन पर कोई ठोस कार्यवाही नहीं की गयी। दिल्ली से लेकर लखनऊ तक सत्ता के गलियारों में यह खबर है कि सैकड़ों करोड़ की हेराफोरी हुई है, और यह आरोप विपक्ष नहीं वरन सत्ता पक्ष के महत्वपूर्ण मा. विधायक और विभाग के मंत्रियों ने लगाया हैं।

नेता, कांगे्रस विधान मण्डल दल ने कहा है कि मुझे नहीं याद पड़ता कि ‘‘तबादला उद्योग’’ में इतने व्यापक पैमाने पर हेर-फेर याा लेन देन के आरोप विभाग के मंत्रियों पर अथवा महत्वपूर्ण पदों पर बैठे लोगों पर पहले कभी लगाये गये हों । जब देकर अधिकारी मनचाहे पदों पर आसीन होंगे तो फिर वे कितना वसूलेंगे इसका अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है? और यह किसी न किसी रूप में जनता से ही तो वसूला जायेगा।