नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन द्वारा आज घोषित तीसरे स्टिमुलस पैकेज से देश भर के व्यापारी निराश हैं। देश के करीब सात करोड़ छोटे कारोबारियों के प्रतिनिधित्व का दावा करने वाले संगठन कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) ने यह बात कही है।

कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी सी भरतिया और महासचिव प्रवीन खंडेलवाल ने यहा एक बयान जारी कर कहा यह व्यापारी समुदाय की उपेक्षा है। उन्होंने कहा कि यह अत्यंत खेदजनक बात है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा घोषित तीनों प्रोत्साहन पैकेज में एक भी पैसा व्यापारियों के लिए नहीं आवंटित किया गया है। ये न केवल व्यपारियों के साथ सौतेला व्यवहार है, बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लोकल पर वोकल जैसी मुहिम के भी खिलाफ है। उनका कहना है कि भारत के व्यापारियों से अधिक लोकल और कौन हो सकता है जो कि देश के 135 करोड़ लोगों से सीधे तौर पर जुड़े हैं।

दोनों नेताओं ने कहा कि देश के व्यापारियों की ऐसी घोर उपेक्षा का सामना करना पड़ रहा है। ये व्यापारी हर साल 60 लाख करोड़ से अधिक का कारोबार कर रहे हैं और किसी भी महामारी या प्राकृतिक आपदा के मामले में हमेशा सबसे आगे रहते हैं। व्यापारी कोरोना महामारी से सबसे अधिक पीड़ित हैं और प्रोत्साहन पैकेज की सबसे पहले कि गई घोषणा के बाद से ही सरकार से किसी तरह के राहत पैकेज की उम्मीद कर रहे थे। लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ और वित्त मंत्री को व्यापारियों से कोई सहानुभूति नहीं है। यह विडंबना है कि अर्थव्यवस्था के अन्य सभी क्षेत्रों को सभी तीन पैकेजों में पर्याप्त रूप से समायोजित किया गया है, लेकिन व्यापारियों को अपने आप रोने के लिए छोड़ दिया गया।