टीम के नियमित कप्तान विराट कोहली और रोहित शर्मा की गैर मौजूदगी में श्रीलंका के खिलाफ युवाओं से सुसज्जित भारतीय टीम भेजी गई है जिसमें 2019 विश्व कप के बाद पहली बार कुलदीप यादव और युजवेंद्र चहल की जोड़ी एक साथ मैदान पर उतरती नजर आयेगी। कुलदीप यादव के लिये 2019 के बाद से करियर कुछ खास नहीं बीत रहा है। 2019 विश्व कप के बाद से कुलदीप यादव टीम में नियमित जगह बना पाने में नाकाम रहे हैं तो वहीं पर इंग्लैंड के खिलाफ जब उन्होंने वापसी भी की तो विकेट लेने में नाकाम रहे हैं।

इसका नतीजा आईपीएल में भी देखने को मिला जहां पर कोलकाता नाइट राइडर्स की टीम ने स्पिनर्स के मुफीद चेन्नई की पिच पर पहले 5 मैच खेले लेकिन उसके बावजूद इस खिलाड़ी को प्लेइंग 11 में जगह नहीं दी। ऐसे में श्रीलंका दौरे पर कुलदीप यादव की कोशिश होगी कि वो शानदार प्रदर्शन कर टी20 विश्व कप की टीम में जगह बनाने की अपनी दावेदारी को मजबूत कर सकें।

वहीं पर भारतीय टीम के पूर्व विकेटकीपर बल्लेबाज दीपदास गुप्ता ने अपने यूट्यूब चैनल पर बात करते हुए इस गेंदबाज के एटिट्यूड पर सवाल उठाये और उनके फॉर्म में न आ पाने के पीछे जल्दी हार मानने की आदत को दोषी बताया है।

उन्होंने कहा,’कुलदीप यादव की सबसे बड़ी परेशानी है कि जब भी मुश्किल परिस्थितियां सामने आती हैं तो वो घुटने टेक देते हैं और हार मान लेते हैं। जब भी मैच में उनका एक ओवर महंगा चला जाता है तो वो गेंद को देखने के बजाय कप्तान की ओर देखने लगते हैं। उनके कंधे अचानक गिर जाते हैं। खेल के दौरान आपका पॉजिटिव एटिट्यूड होना बहुत जरूरी है, लेकिन उनके ऐसे एटिट्यूड के चलते ही कोलकाता नाइट राइडर्स की टीम ने पिछले 2 सीजन में ज्यादा मौके नहीं दिये हैं।’

दीप दास गुप्ता ने कुलदीप के इस स्वाभाव को निराशाजनक बताते हुए कहा कि उन्हें अपने आत्म-विश्वास पर काम करने की जरूरत है और तभी वो वापसी कर पायेंगे।

उन्होंने कहा, ‘कुलदीप वो मिस्ट्री स्पिनर नहीं हैं जिनका रहस्य पता चलने पर खिलाड़ी का करियर खत्म हो जाता है। कुलदीप के पास अनोखी काबिलियत है, वो कलाई के वास्तविक गेंदबाज हैं लेकिन उनकी समस्या आत्म-विश्वास पर है जो कि काफी निराशाजनक है। अगर आप ध्यान देंगें तो पता चलेगा कि जब भी उनकी गेंद पर चौका पड़ता है या गेंद खराब गिरती है तो वो गेंद को नहीं बल्कि कप्तान के रिएक्शन की ओर देख रहे होते हैं।’