टीम इंस्टेंटखबर
कैरेबियाई द्वीप बारबाडोस को सोमवार आधी रात को गणतंत्र घोषित किया गया। इसी के साथ यहां महारानी एलिजाबेथ-II का शासन खत्म हो गया।
महारानी के शासन के खत्म होने के साथ ही डेम सांद्रा मसोन ने यहां के पहले राष्ट्रपति के तौर पर शपथ ली। इस कैरेबियाई द्वीप पर पहली बार करीब 400 साल पहले एक ब्रिटिश शिप पहुंची थी। इसके बाद से ही यहां अग्रेजों का शासन था।
बारबाडोस को आजादी 1966 में मिल गई थी लेकिन वह पूरी तरह से गणतंत्र नहीं हुआ था। ज्यादातर शासन व्यवस्थाएं अभी तक ब्रिटेन के हिसाब से ही चल रही थीं। हाल के वर्षों में बारबाडोस में पूर्ण गणतंत्र घोषित किए जाने की मांग काफी तेज हो गई थी।
बारबाडोस में सोमवार रात के लिए खास कार्यक्रम आयोजित किए गए थे। आधी रात होते ही 21 बंदूकों की सलामी दी गई और राष्ट्रगान गाया गया। इस दौरान राजधानी के ‘हीरोज स्कावयर’ पर हजारों लोग मौजूद थे।
समारोह का आयोजन उस लोकप्रिय चौक पर हुआ जहां पिछले साल एक ब्रिटिश लॉर्ड की प्रतिमा हटायी गई थी। बारबाडोस के आधिकारिक तौर पर गणतंत्र बनने के साथ ही रात में जमकर आतिशबाजी भी की गई। पूरे द्वीप में बड़े-बड़े स्क्रीन लगाई गई थी ताकि लोग इस ऐतिहासिक घटना को लाइव देख सकें।
बारबाडोस की आबादी करीब 3 लाख है और ये जगह पर्यटन के लिए दुनिया भर में मशहूर है। कैरेबियाई द्वीपों में इसे बेहद समृद्ध माना जाता है। इससे पहले गयाना, डोमनिका, त्रिनिदाद और टोबैगो खुद को अलग गणतंत्र घोषित कर चुके हैं।
देहरादून: उत्तराखंड सरकार के द्वारा योग गुरु बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण को तगड़ा झटका…
(आलेख : सुभाष गाताडे) लोकसभा चुनाव के प्रचार में कई भाजपा नेता संविधान बदलने के…
यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, भारत के सार्वजनिक क्षेत्र के अग्रणी बैंकों में से एक, को…
फतेहपुर सीकरी, आगरा, 28 अप्रैल 2024. कमज़ोर तबकों के सामने संविधान बचाने का आख़िरी मौक़ा…
ब्यूरो चीफ फहीम सिद्दीकी बाराबंकी। मोहसिना क़िदवई, राजनीतिक गलियारे का एक बहुत कद्दावर नाम। नब्बे…
एक बालिका की हालत गंभीर, मेडिकल कालेज रेफरबाबा अहमद शाह की मजार पर गुरूवार से…