मनीष अग्रवाल
एग्जीक्यूटिव वाईस प्रेसिडेंट – क्रेडिट इंटेलिजेंस एंड कंट्रोल
एचडीएफसी बैंक
त्योहारों का मौसम आ गया है और साथ ही क्रिकेट का महाकुंभ विश्व कप भीजारी है, चूंकि भारतीय दोनों का जश्न मनाते हैं और डिजिटल रूप से लेनदेन करते हैं, इसलिए उन्हें सावधान रहने की जरूरत है क्योंकि धोखेबाज भी एक्टिव हो गए हैं और शिकार करने की योजना बना रहे हैं।
इस डिजिटल युग में सब कुछ हमारी उंगलियों पर उपलब्ध है। इसलिए, जब बात पैसे की हो, तो यह सलाह दी जाती है कि अपनी उंगलियों का उपयोग सावधानी से करें! धोखाधड़ी करने वाले सोशल इंजीनियरिंग टैक्टिक्स से लोगों का शोषण करते हैं। वे उन्हें धोखाधड़ी करने के लिए ग्रीड(लालच), थ्रेट(खतरा) और हेल्प(सहायता) (जीटीएच) जैसे जाल में फंसाते हैं। उदाहरण के लिए:
लालच:कोई जबरदस्त और अविश्वसनीय प्रस्ताव
खतरा: आपका बैंक खाता लॉक होने का डर
सहायता: आपकी समस्या को सुलझाने का प्रस्ताव
वित्तीय वर्ष 24 की पहली तिमाही के लिए एचडीएफसी बैंक के आंतरिक मूल्यांकन के अनुसार:
• 75% से अधिक पीड़ित 26-60 वर्ष की आयु के हैं।
• 70% से अधिक लोग लालच के कारण शिकार बनते हैं, जैसे कि निवेश में बेहतर रिटर्न, रिवार्ड प्वाइंट, उपहार वाउचर आदि का लालच दिया जाता है और अंत में उन्हें पैसे गंवाने पड़ते हैं।
• 60% से अधिक धोखाधड़ी वाले लेनदेन दिन में यानी सुबह 10 बजे से शाम 6 बजे के बीच होते हैं।
इसलिए साइबर फ्रॉड से निपटने के लिएअलग अलग धोखाधड़ी के बारे में ग्राहकों को शिक्षित करना और संवेदनशील बनाना जरुरी है। सुरक्षित बैंकिंग टिप्स के साथ बेहतर कार्यप्रणाली व्यक्तियों को साइबर धोखाधड़ी का शिकार होने से रोक सकती है।
ये चार चीजें ऐसी हैं जो ग्राहक साइबर फ्रॉड से खुद को बचाने के लिए कर सकते हैं
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