अवैध वसूली के लिए चलाया जाता है चेकिंग अभियान

बाराबंकी: जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष नरेन्द्र कुमार वर्मा ने आज बिजली विभाग को चेतावनी देते हुए अवैध वसूली को जल्द से जल्द बंद करने की सलाह दी, अगर बिजली विभाग इसी तरह उपभोक्ताओं का उत्पीड़न करता रहेगा तो जल्द ही अधिवक्ता सड़कों पर उतरकर बिजली विभाग को मुंह तोड़ जवाब देंगे और धरना प्रदर्शन करेंगे। जिले में भ्रष्टाचार के मामले नम्बर-1 बन चुका है बिजली विभाग।

वर्मा ने आगे कहा कि जनपद में बिजली विभाग तमाम गरीब उपभोक्ताओं को परेशान कर रहा है, और फर्जी प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराई जा रही है, और शमन शुल्क और जुर्माने के नाम पर करोड़ों का खेल खेला जा रहा है, अगर किसी उपभोक्ता की जरा सी केबिल बंदरों द्वारा टूटी पाई जाती है उससे वसूली के लिए पूरा विभाग एकजुट होकर उपभोक्ताओं को चोर घोषित करते हुए उसका मानसिक, शारीरिक व आर्थिक शोषण किया जा रहा है। ओबरी में बना एंटी थेप्ट थाने पर दलालों का जमवाड़ा लगा रहा है। थाने पर दलाल बैठकर आने वाले उपभोक्ताओं का शोषण करते हैं।

वर्मा ने कहा कि चेकिंग के नाम पर जुर्माना और शमन शुल्क व एफआईआर दर्ज करने के बाद भी इस भीषण गर्मी में उपभोक्ता का कनेक्शन क्यों काट दिया जाता है, कई गरीब आदमी जुर्माना समय से नहीं कर पाते हैं और उनका पूरा परिवार यहां तक छोटे-छोटे बच्चे गर्मियों में परेशान होते हैं और पूरा परिवार इन भष्टा बिजली कर्मचारियों और अधिकारियों कोसता है। लोगों के घरों में अंधियारा करके विभाग के लोग अपनी जेबे भर रहे हैं। वर्मा ने कहा कि मैं बिजली विभाग को मैं बताना चाहता हूं कि जिले के बड़े बड़े उद्योगपतियों के कारखानों में अधिकारी व कर्मचारी खुद बिजली चोरी करवाते हैं और बदले में मोटी रकम प्रतिमाह लेते हैं। जिले का सबसे भ्रष्ट विभाग बिजली विभाग हो गया है।

वर्मा ने कहा कि विगत दिनों अधिवक्ताओं के चैम्बर जो रजिस्ट्री कार्यालय के बाहर थे उनको प्रशासन द्वारा जबरन हटा दिया गया है उसके बाद बिजली विभाग अधिवक्ताओं पर मुकदमा दर्ज कराने की बात कर रहा है, अधिवक्ता टीन शेड के नीचे बैठकर गरीब जनता को हक व इंसाफ दिलाने के लिए मेहनत करते हैं, लेकिन इन सरकारी कर्मचारियों की तरह भ्रष्टाचार नहीं करते हैं। अगर इसी तरह प्रशासन हक व इंसाफ दिलाने वालों के साथ बिजली विभाग नाइंसाफी करेगा तो बिजली विभाग के खिलाफ लड़ाई लड़ी जायेगी और उपभोक्ताओं को इंसाफ दिलाया जायेगा।