टीम इंस्टेंटखबर
समाजवादी पार्टी के मुखिया और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने रविवार को अंबेडकर नगर के महरौली में चुनावी रैली को सम्बोधित करते हुए कहा कि पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे से अच्छा नहीं है. आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे में गाड़ी पर चाय का कप भी रख दो तो भी नहीं गिरता, लेकिन पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे में कमर दर्द होने लगेगा.

सपा प्रमुख ने सीएम योगी के बुलडोजर चलाने वाली बातों पर तंज कसते हुए कहा कि जहां जरूरत थी, वहां तो बुलडोजर चलाया नहीं . अखिलेश ने तंज़ करते हुए कहा कि अगर धुंआ उड़ाते हुए बुलडोजर चला दिया होता तो आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे से अच्छी सड़कें पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे की होतीं.

अखिलेश ने कहा कि बाबा मुख्यमंत्री अब बोल रहे हैं कि लैपटॉप-टैबलेट देंगे. 4-5 साल से कौनसी टैबलेट बांट रहे थे. आपका सीएम ऐसा नहीं होना चाहिए जिसे लैपटॉप चलाना न आता हो. तभी तो नहीं बांटा. अखिलेश ने कहा कि लैपटॉप लेकर आओ बुलडोजर नहीं. हम तो समाजवादी हैं समय पड़ेगा तो लैपटॉप भी चला लेंगे और जरूरत पड़ी तो बुलडोजर भी चला लेंगे.

अखिलेश ने कहा कि जबसे यूपी में बीजेपी सरकार आई है तब से किसानों के साथ धोखा हुआ है. उन्होंने लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा का जिक्र करते हुए कहा कि दिल्ली, यूपी और लखीमपुर में जो मंत्री हैं इन्होंने, तीन इंजन वाली सरकार ने, किसानों को कुचलने का काम किया है.

उन्होंने कहा कि बिजली के दाम बढ़ गए हैं. पेट्रोल 100 रुपये के पार पहुंच गया है. गैस सिलेंडर की कीमतें बढ़ती जा रही हैं. अखिलेश ने सीएम योगी के नाम बदलने वाले फैसलों पर तंज कसते हुए कहा कि जो लोग हमारी लाल टोपी देखकर जलते हैं वो लाल सिलेंडर का नाम भी बदल देंगे.

अखिलेश ने कहा कि इतिहास पढ़ना चाहिए. ईस्ट इंडिया कंपनी आई, ब्रिटेन में एक कानून पास हो गया और यहां आ गए. यहां भी एक-एक कर सरकारी संपत्तियां बेच रहे हैं और प्राइवेट कंपनियों लगातार ला रहे हैं. अखिलेश ने आरोप लगाया कि सरकार उद्योगपतियों के हाथों खेल रही है.

अखिलेश ने लोगों को नोटबंदी की भी याद दिलाई, 15-15 लाख सबके बैंक खाते में आने के वादे की भी याद दिलाई, विदेशों में जमा काले धन की वापसी और करप्शन ख़त्म होने की बात भी याद दिलाई।

कानून-व्यवस्था पर योगी सरकार को घेरते हुए अखिलेश ने कहा कि केंद्रीय मंत्री का बेटा किसानों को गाड़ी के नीचे रौंद रहा है, सत्ता धारी पार्टी के सांसद, विधायकों को पब्लिक पीट रहे है, जेलर को क़ैदी कूट रहे हैं.