कोरोनावायरस महामारी ने देश की अर्थव्यवस्था को तगड़ा झटका दिया है और आगे भी आर्थिक हालात अच्छे नहीं दिखाई दे रहे हैं. स्टेट बैंक इंडिया (SBI) की ताजा रिसर्च रिपोर्ट इकोरैप में कहा गया है कि वित्त वर्ष 2021 में रियल GDP ग्रोथ में 10.9 फीसदी की गिरावट आ सकती है. यह एसबीआई के पिछले अनुमान से 4.1 फीसदी अधिक है. इससे पहले SBI ने रियल जीडीपी ग्रोथ में -6.8 फीसदी रहने का अनुमान जताया था. वित्त वर्ष 2019-2020 की चौथी तिमाही (जनवरी-मार्च 2020 तिमाही) जीडीपी ग्रोथ 3.1 फीसदी दर्ज की गई थी. वहीं, पिछले साल की समान अवधि में यह आंकड़ा 5.2 फीसदी पर था.

रिसर्च रिपोर्ट के अनुसार, शुरुआती आकलन बताते हैं कि वित्त वर्ष 2021 की चारों तिमाही में रियल जीडीपी ग्रोथ नकारात्मक रहेगी. इस कारण पूरे साल की रियल जीडीपी ग्रोथ में गिरावट दो अंकों (करीब 10.9) में हो सकती है. बता दें, एक साल में उत्पादित वस्तुओं और सेवाओं के मूल्यों की गणना आधार वर्ष के मूल्य या स्थिर प्राइस पर की जाती है. इससे जो वैल्यू प्राप्त होती है उसे रियल जीडीपी कहते हैं.

चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में रियल जीडीपी ग्रोथ (-)12 से (-)15 फीसदी तक हो सकती है. जबकि तीसरी तिमाही में यह (-)5 फीसदी से लेकर (-)10 फीसदी तक हो सकती है. रिपोर्ट के मुताबिक, चौथी तिमाही में रियल जीडीपी ग्रोथ (-)2 से (-)5 फीसदी तक रह सकती है. रिपोर्ट में कहा गया है कोरोनावायरस संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए 25 मार्च से लगाए गए लॉकडाउन के चलते पहली तिमाही में देश की जीडीपी ग्रोथ में 23.9 फीसदी की गिरावट आई है.

इकोरैप के अनुसार, अर्थव्यवस्था के लिए कंस्ट्रक्शन, ट्रेड, होटल्स और एविएशन सेक्टर को रिवाइव करने की आवश्यकता है. इसके अलावा ट्रांसपोर्ट सर्विसेज को दोबारा से शुरू किया जाए. रिपोर्ट के मुताबिक, सरकारी वित्तीय उपायों के अलावा आरबीआई को बॉन्ड जारी करके इंफ्रास्ट्रक्चर को पुश करना चाहिए.