अमरीका ने राष्ट्रीय सुरक्षा का बहाना बनाकर “सेमीकंडक्टर मैन्युफ़ैक्चरिंग इंटरनेशनल कार्पोरेशन” (SMIC) समेत 60 से अधिक चीनी कंपनियों को ब्लैकलिस्ट कर दिया है।

अमरीका के वाणिज्य विभाग ने एक बयान जारी करके कहाः यह कार्यवाही चीन के सैन्य और नागरिक मामलों के मिश्रण के सिद्धांत और SMIC और सेना के बीच संयुक्त गतिविधियों के कारण की गई है, जो एक चिंता का विषय है।

अमरीका के वाणिज्य मंत्री विल्बर रॉस ने फ़ॉक्स बिज़नेस के साथ साक्षात्कार में इस कार्यवाही की पुष्टि की है। सबसे पहले इसकी सूचना रायटर्ज़ ने दी थी। वाशिंगटन के इस क़दम के बाद, शुक्रवार को हांगकांग में चीन की चिप बनाने वाली सबसे बड़ी कंपनी के शेयर 5.2 फ़ीसद गिर गए।

चीन की अन्य प्रभावित कंपनियों पर वाशिंगटन ने मानवाधिकारों के हनन, पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के कार्यक्रमों का समर्थन और अमरीकी व्यापार के रहस्यों की चोरी जैसे आरोप लगाए हैं।

प्रतिबंधित कंपनियों में से अधिकांश चीन की हैं, जो हुआवेई टेक्नोलॉजीज़ कंपनी की सूची में शामिल हो जायेंगी, जिसे सॉफ्टवेयर से लेकर सर्किटरी तक अमरीकी प्रौद्योगिकी तक पहुंच से वंचित रखा गया है।

Huawei और SMIC समेत यह कंपनियां, दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच फंस गई हैं, जो व्यापार से लेकर महामारी तक जैसे मुद्दों पर टकरा रही हैं।

ऐसी उम्मीद की जा रही थी कि जो बाइडन के 20 जनवरी को पदभार संभालने से पहले अमरीकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रम्प, चीन की राष्ट्रीय चैंपियन समझी जाने वाली कंपनियों के ख़िलाफ़ अधिक प्रतिबंधों की घोषणा करेंगे।

चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने शुक्रवार को बीजिंग में एक प्रेस ब्रीफिंग के दौरान कहा, आपने जिस रिपोर्ट का उल्लेख किया है, अगर वह सही है, तो यह एक और उदाहरण होगा कि अमरीका, अपनी शक्ति का इस्तेमाल चीनी कंपनियों पर नकेल कसने के लिए कर रहा है। हम अमरीका से आग्रह करते हैं कि विदेशी कंपनियों के ख़िलाफ़ अपनी ग़लत कार्यवाहियों को बंद करे।