टीम इंस्टेंटखबर
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि भाजपा सरकार की सेना में भर्ती की नई योजना ‘अग्निपथ‘ के प्रति नौजवानों में व्यापक आक्रोश दिखाई दिया है। देश के भावी सैन्य बलों पर बल का दुरुपयोग करके युवाओं का मनोबल गिराया जा रहा है। क्या इसीलिए चुनी गई है लोकतंत्र में सरकार?

प्रेस को जारी अपने बयान में अखिलेश ने कहा कि देश-प्रेम की भावना के साथ मेहनत कर कई वर्षों से तैयारी करने वाले युवाओं को सेना में भर्ती के नाम पर चार साल का धोखा देने वाली भाजपा सरकार के खिलाफ युवाशक्ति का एकजुट होना साबित करता हैं कि इनके सब्र का बांध टूट गया है और वह अब इसे बर्दाश्त करने की स्थिति में नहीं है। सत्ता के नशे में चूर भाजपा सरकार को यह दिखाई नहीं दे रहा है कि देश के कई प्रदेशों में भड़की विरोध की ज्वाला युवा विरोधी सत्ता को भस्म कर देगी।

अखिलेश ने कहा कि पिछले कई सालों से सेना में भर्ती नहीं हो पाई है और जिनकी भर्ती हुई वे कोविड से प्रभावित हो गई। अब उन्हें निरस्त किया जा रहा है। इससे जो लोग पास हो चुके हैं, जिनका मेडिकल हो चुका है, उन्हें जीवन भर के लिए नौकरी मिलना था अब 4 साल के लिए मिलेगी। फिर 4 साल के बाद क्या होगा? यह घोर अन्याय है। अगर सरकार पक्की है तो युवाओं की नौकरी भी पक्की होनी चाहिए।

सपा प्रमुख ने कहा कि आज देश की स्थिति इतनी विकराल है कि सेना जैसी अति संवेदनशील जगह में संविदा पर सैनिक रखे जा रहे हैं। भाजपा वाले नौकरियां आउटसोर्स कर युवाओं का भविष्य बर्बाद कर देंगे। समाजवादी पार्टी का मानना है कि आउटसोर्सिंग का मतलब संविधान से दिया हक और सम्मान छीन लेना है। भाजपा सरकार पांच ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था बनाने का सपना दिखाती है किन्तु वहीं युवाओं को, किसानों को देने के लिए सरकार का खजाना खाली है।

अखिलेश ने कहा कि समाजवादी सरकार ने अपने कार्यकाल में सैनिक स्कूलों की स्थापना की थी। कई जिलों में सेना भर्ती कराई थी। ग्रामीण क्षेत्र के उनमें भी ज्यादातर किसानों के बेटे सेना में भर्ती होते हैं। भाजपा को गांव-गरीब और किसानों-नौजवानों के कल्याण में कोई रूचि नहीं है। अपनी जनविरोधी योजनाओं और नीतियों से भाजपा इनके हितों की अनदेखी करती है।

उन्होंने कहा कि विवादित भर्ती योजना ‘अग्निपथ‘ से नौजवानों के भविष्य के साथ खिलवाड़ क्यों किया जा रहा है? देश की सुरक्षा कोई अल्पकालिक या अनौपचारिक विषय नहीं है। यह अति गम्भीर और दीर्घकालिक नीति की अपेक्षा करती है।