मुंबई: एचडीएफसी बैंक को लगातार सातवें साल भारत के सबसे मूल्यवान ब्रांड के रूप में नामित किया गया है और ‘2020 ब्रांड्ज™ (BrandZ™) टॉप 75 मोस्ट वैल्यूएबल इंडियन ब्रांड्स’ सर्वेक्षण में इसकी कीमत 20.3 बिलियन बताई गई है।
एचडीएफसी बैंक का ब्रांड मूल्य पिछले सात वर्षों में 2014 में 9.4 बिलियन डॉलर से 2020 तक 20.3 बिलियन हो गया है। इस साल के सर्वेक्षण में, 3.8 श्रेणियों में 3.8 मिलियन भारतीय ब्रांडों ने 3.8 मिलियन भारतीय उपभोक्ताओं ने भाग लिया और उनका नामांकन किया।
ब्रांड्ज (BrandZ) की ओर से जारी एक रिपोर्ट में कहा गया है, “एचडीएफसी बैंक ने अपनी वित्तीय दक्षता और ग्राहक अनुभव को बढ़ाने में कामयाबी हासिल की है, जो 2020 ब्रांड्ज™ (BrandZ™) की टॉप 100 मोस्ट वैल्यूएबल ग्लोबल ब्रांड्स रिपोर्ट में 59 वें स्थान पर है।” यह रैंकिंग वैश्विक संचार सेवाओं बेथ के साथ डब्लूपीपी समूह की कंपनी अमारवर्ड ब्राउन द्वारा किए गए सर्वेक्षण पर आधारित है।
“विश्व स्तर पर ब्रांडों की असली परीक्षा महामारी के बाद हुई क्योंकि भारत जैसे देश में, कोविद -19 के लॉन्च से पहले भी, मंदी के बादल थे।” ब्रांड्ज (BrandZ) के अध्यक्ष और स्टोर डब्लूपीपी, इऍमइए के सीईओ श्री डेविड रोथ ने कहा, “कई भारतीय ब्रांडों ने इस चुनौती को उठाया है और अपनी क्षमताओं को बढ़ाने के लिए नवाचार का उपयोग करके अपनी वैश्विक पहुंच को साबित किया है। हमारे शोध से पता चलता है कि एक बार फिर कंपनियां आगे आई हैं जिन्होंने लगातार ब्रांड निर्माण में निवेश किया है, जिसने उन्हें चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में भी जीवित रहने और अधिक कुशलता से आगे बढ़ने में सक्षम बनाया है। “
एचडीएफसी बैंक लगातार छह वर्षों के लिए शीर्ष 100 वैश्विक ब्रांडों की सूची में सबसे ऊपर है। एचडीएफसी इस वर्ष 60 वें स्थान से एक पायदान आगे 59 वें स्थान पर पहुंच गया है। शीर्ष 10 ब्रांडों में क्रमशः एप्पल, माइक्रोसॉफ्ट, गूगल, वीजा, अलीबाबा, टेनसेंट, फेसबुक, मैकडॉनल्ड्स, मास्टरकार्ड हैं।
मृतको में एक ही परिवार की दो सगी बहने, परिजनो में मचा कोहरामएसडीएम-सीओ समेत पुलिस…
बाइक सवार मित्रों को गांव से घसीटते हुए एक किलो मीटर दूर ले गई,सहमे लोग…
मुंबईएचडीएफसी बैंक के मोबाइल ऐप पेज़ैप (PayZapp) को 'सेलेंट मॉडल बैंक' अवार्ड मिला है। एचडीएफसी…
-कम सैलरी में पत्रकारों का 24 घंटे काम करना सराहनीयः पवन सिंह चौहान -यूपी वर्किंग…
(व्यंग्य : राजेंद्र शर्मा) हम तो पहले ही कह रहे थे, ये इंडिया वाले क्या…
(अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस पर विशेष आलेख : संजय पराते) आजादी के आंदोलन में ट्रेड यूनियनों…