लंदन: पीएनबी घोटाले में भगोड़े आरोपी नीरव मोदी को भारत लाने का रास्ता साफ हो गया। सीबीआई के मुताबिक ब्रिटेन के गृह मंत्रालय ने नीरव मोदी के प्रत्यर्पण को हरी झंडी दे दी है। इस समय नीरव मोदी लंदन की एक जेल में बंद है।

ऑर्थर रोड होगा नया ठिकाना
गौरतलब है कि नीरव मोदी घोटाला का मामला सामने आने के बाद जनवरी 2018 में भारत छोड़कर फरार हो गया था। भारत लाने के बाद नीरव मोदी को मुंबई के ऑर्थर रोड स्थित जेल में रखा जाएगा।

अभी हाईकोर्ट में अपील का अधिकार
गृह मंत्रालय की मंजूरी के बावजूद अभी नीरव मोदी हाईकोर्ट में अपील कर सकता है। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट में अपील और ब्रिटेन में शरण लेने का रास्ता भी उसके पास है। अपील करने पर भारतीय जांच एजेंसियों को कोर्ट में साबित करना होगा कि नीरव पर लगे आरोप ब्रिटेन के कानून के तहत भी अपराध हैं। अगर आरोप साबित होते हैं तो हाईकोर्ट नीरव के प्रत्यर्पण का आदेश दे सकता है। हाईकोर्ट यह भी देखेगा कि क्या नीरव के प्रत्यर्पण से ह्यूमन राइट्स का वॉयलेशन तो नहीं होगा। ऐसे में नीरव को भारत लाने में भारतीय एजेंसियों को कम से कम 10 से 12 महीने का समय लग सकता है।

नीरव की दलीलों को कर दिया था ख़ारिज
25 फरवरी को ब्रिटेन की अदालत ने उसके खिलाफ पर्याप्त सबूत होने की बात मान ली थी और उसकी सभी दलीलों को खारिज कर दिया था। कोर्ट ने यह भी माना था कि नीरव मोदी ने सबूत मिटाने और गवाहों को धमकाने की साजिश रची। जमानत को लेकर नीरव मोदी के कई प्रयास मजिस्ट्रेट अदालत और उच्च न्यायालय में खारिज कर दिए गए थे क्योंकि उसके फरार होने का जोखिम रहा।

बचने के लिए बीमारी का बहाना
बचने के लिए नीरव मोदी ने कोर्ट में मानसिक स्वास्थ्य की दलील दी थी लेकिन कोर्ट ने कहा कि ऐसी परिस्थिति में यह असामान्य बात नहीं है। जज ने बताया कि नीरव मोदी को मुंबई के आर्थर रोड जेल में पर्याप्त चिकित्सा दी जाएगी और मानसिक स्वास्थ्य देखभाल भी की जाएगी। जज ने कहा कि नीरव मोदी को भारत भेजने पर आत्महत्या का कोई खतरा नहीं है क्योंकि उसके पास आर्थर रोड जेल में पर्याप्त चिकित्सा सुविधा उपलब्ध है।

13 हजार करोड़ की धोखाधड़ी का आरोप
बता दें कि नीरव मोदी और उसके मामा मेहुल चोकसी पर पंजाब नेशनल बैंक के अधिकारियों के साथ मिलकर 13 हजार करोड़ रुपए से भी अधिक के लोन की धोखाधड़ी का आरोप है।