अहमदाबादः भारत के महान बल्लेबाज रहे सुनील गावस्कर ने अहमदाबाद का डे-नाइट टेस्ट काफी करीब से देखा और उनका मानना है कि टर्निंग ट्रैक पर रन बनाना बैटिंग में सबसे कौशल का काम है। सुनील गावस्कर ने अपने करियर के दिनों में 70-80 दशक के दौरान इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया, वेस्टइंडीज की पिचों पर बिना हेलमेट के तूफानी गेंदबाजों का सामना किया और वे उपमहाद्वीपीय परिस्थितियों में भी बाकी देशों के शानदार स्पिनरों को खेलने में उतने ही अच्छे थे।

गावस्कर का कहना है कि जब आप तेज गेंदबाजों की मददगार पिच पर खेलते हो तो आपके पास दो ही विकल्प होते हैं- अपने बैकफुट पर खेलना है या फिर फ्रंटफुट पर। लेकिन जब आप टर्निंग पिच पर शानदार स्पिनरों के समक्ष खेलते हैं तो आपको पूरा फुटवर्क ही बदलना होता है। आपको अपना पूरा संतुलन स्पिन के साथ तालमेल में बैठाना होता है ताकी घूमती गेंद का प्रभाव काउंटर किया जा सके।

गावस्कर ने अपनी अंतिम टेस्ट पारी बेंगलुरु में पाकिस्तान के खिलाफ बेहद ही टर्न लेती पिच पर खेली थी और तब उन्होंने 96 रन बनाए थे।

भारत और इंग्लैंड के बीच डे-नाइट टेस्ट के दौरान स्टार स्पोर्ट्स पर कमेंट्री करते हुए गावस्कर ने कहा- “आपको क्रीज की गहराई का इस्तेमाल स्पिन को खेलने के लिए करने की जरूरत हैं। तो यहां आपको फुटवर्क मुख्य भूमिका में आता है। तेज उछाल भरी पिचों पर सब आपके साहस पर निर्भर करता है। ऐसी टर्निंग पिचों पर तो केवल आपके कौशल की परीक्षा होती है।