तेहरान: आईआरजीसी (IRGC) के कमांडर ने कहा है कि ईरान के हथियारों का विस्तार, दुश्मन के ख़तरों और उसके कमज़ोर व मज़बूत पहलुओं की सही पहचान पर आधारित है और आईआरजीसी के सैन्य अभ्यास, ईरानी राष्ट्र के हितों की सशक्त रक्षा की ओर से निश्चिंत होने के उद्देश्य से आयोजित होते हैं।

ब्रिगेडियर जनरल हुसैन सलामी (Brig. Husain salami) ने मंगलवार को फ़ार्स की खाड़ी, हुर्मुज़ स्ट्रेट और ईरान के हुर्मुज़गान प्रांत में आईआरजीसी के “पयाम्बरे आज़म 14” (Payambare azam 14) नामक सैन्य अभ्यास के अंतिम चरण के अवसर पर कहा कि हमारी नीतियां, ईरानी राष्ट्र के अहम हितों की रक्षा के लिए प्रतिरक्षात्मक हैं यानी हम किसी भी देश के ख़िलाफ़ हमला शुरू नहीं करेंगे लेकिन हम अपनी रणनीतियों व कार्यवाहियों में पूरी तरह से आक्रामक हैं। आईआरजीसी के कमांडर ने कहा कि मंगलवार को एयरो स्पेस और वायु सेना के स्तर पर जो सैन्य अभ्यास किया गया वह पूरी तरह से आक्रामक था।

ब्रिगेडियर जनरल हुसैन सलामी ने कहा कि अगर दुश्मन हमारे हितों पर हमला करना चाहेगा तो उसके जलपोतों पर मीज़ाइलों और जलपोतों के साथ मिश्रित हमला किया जाएगा और इसी तरह बारूदी सुरंगों के माध्यम से उन्हें तबाह किया जाएगा। याद रहे कि मंगलवार से फ़ार्स की खाड़ी, हुर्मुज़ स्ट्रेट और ईरान के हुर्मुज़गान प्रांत में आईआरजीसी के “पयाम्बरे आज़म 14” नामक सैन्य अभ्यास का अंतिम चरण शुरू हुआ है जिसमें आईआरजीसी की नौसेना व एयरोस्पेस यूनिट हिस्सा ले रही है।