लखनऊ ब्यूरो
हिन्दू रिति-रिवाजों में पितृपक्ष का आध्यात्मिक एवं आत्मीय महत्व है, भारतीय जनमानस अपने पित्ररों को इस दौरान याद करके अपनी श्रद्धा अनुसार सामाजिक सेवा भाव से बुर्जुगो, असहायों जीवों की मदद करके पुण्य कमाता है। इसी सोंच को लेकर गोमती नगर स्थित इशान-ए-सनसाइन फाउण्डेशन ने ‘‘मातृ पितृ सदन वृद्धाश्रम’’ में जाकर वृद्धों से मिलकर आर्शिवाद प्राप्त किया। वृद्धाआश्रम पहुंच कर फाउण्डेशन के सदस्यों ने बुर्जुगों से आर्शिवाद लिया और उन्हें दैनिक इस्तेमाल की सामाग्री सहित आवश्यकतानुसार दवाइयां,कपड़े, मिठाई भेंट कर उनके दुख दर्द में शामिल हुई।

संस्थान की चेयरमैन प्रियंका गुप्ता ने कहा कि रिति-रिवाजों के अनुसार जितना महत्व पित्रों की सेवा और पूजन का है उससे कहीं ज्यादा महत्वपूर्ण आज की वर्तमान पीढ़ी के लिए यह संदेश है कि अपने माता-पिता वृद्ध परिवारजनों से आत्मीय लगाव के साथ उनकी सेवा सत्कार उनके जीवनकाल में ही करें तभी ईश्वर खुश होगें और उज्जवल का निर्माण हो सकेगा। जीते जी उनकी देखभाल और ख्याल न रखना इससे बड़ा पाप नहीं हो सकता।

उन्होंने कहा कि समाज की प्रगति के लिए बुर्जुगों का आर्शिवाद बहुत जरूरी है। उनकी सीख और उनके आर्शिवाद से ही बच्चों को भविष्य निर्धारित होता है इसलिए बुजुगों का सम्मान करना न की हमारी संस्कृति का हिस्सा बल्कि हमारा धर्म भी है। उनकी सेवा करके जो खुशी का अनुभव हुआ वह आत्म संतुष्टि से भरा हुआ था। भविष्य में इस तरह के कार्यक्रम समय-समय पर करने का निश्चय भी किया।

इस कार्य में मौके पर संस्था की उपाध्यक्ष सुनैना चौधरी व अन्य सदस्य मेधना माथुर, अनीता श्रीवास्तव, गौरी गुप्ता, मनु चौहान, मीरा, मनीषा, निषा, पूजा सहित अन्य लोग उपस्थित रहे। जिन्होंने इस पुनीत कार्य में बढ़चढ़कर सहयोग किया।