देश के टॉप 7 शहरों में प्रॉपर्टी की औसत कीमत 11% बढ़ी और बिक्री में 20% की गिरावट आ गयी
देश के बड़े शहरों में रिहायशी प्रॉपर्टी की कीमतें तेजी से बढ़ रही हैं, लेकिन घर खरीदने वालों की संख्या घटती जा रही है. अप्रैल-जून 2025 की तिमाही में RBI ने ब्याज दरों में 100 बेसिस पॉइंट की कटौती की थी, लेकिन इसका ज्यादा असर मकानों की बिक्री पर नहीं पड़ा.
ANAROCK की लेटेस्ट Q2 2025 PAN India Residential Market रिपोर्ट के मुताबिक, देश के टॉप 7 शहरों में मकानों की बिक्री सालाना आधार पर 20% घटकर 96,300 यूनिट रह गई, जबकि प्रॉपर्टी की औसत कीमत 11% बढ़ गई. ये आंकड़े बताते हैं कि अब कीमत और बिक्री के बीच बड़ा फर्क आ गया है, जो देश के रियल एस्टेट बाजार में बड़े बदलाव की ओर इशारा कर रहा है.
पिछली तिमाही की तुलना में Q2 2025 में बिक्री में 3% की मामूली बढ़ोतरी जरूर हुई, लेकिन सालाना आधार पर गिरावट काफी ज्यादा रही. मुंबई और पुणे जैसे शहरों में बिक्री में 25-27% तक की गिरावट आई. हैदराबाद और NCR में भी बिक्री में क्रमशः 27% और 14% की गिरावट हुई. वहीं चेन्नई ने सबको चौंकाते हुए सालाना आधार पर 13% की बढ़त और पिछली तिमाही से 40% ज्यादा बिक्री दर्ज की.
सबसे बड़ा झटका यह है कि जहां बिक्री घटी है, वहीं दाम और तेजी से बढ़े हैं. NCR में कीमतों में 27% की बढ़ोतरी दर्ज की गई, इसके बाद बेंगलुरु में 12% का उछाल आया. हैदराबाद, चेन्नई और पुणे में भी दाम 611% बढ़े हैं. देशभर में प्रॉपर्टी की औसत कीमत 8,070 रुपये प्रति वर्गफुट से बढ़कर 8,990 रुपये हो गई है. यानी सालाना 11% की बढ़त.
बढ़ती लागत, जमीन के ऊंचे रेट और प्रीमियम मकानों की डिमांड इसके बड़े कारण हैं. इस वजह से मिडिल क्लास के लिए घर खरीदना काफी मुश्किल हो गया है. लोग या तो अपनी खरीद टाल रहे हैं या छोटे घरों की तरफ जा रहे हैं.










