रांची टेस्ट में इंग्लैंड की हार के साथ ही उनका भारत में सीरीज जीतने का सपना भी चकनाचूर हो गया। पांच टेस्ट मैच की सीरीज में पहला टेस्ट मैच जीतने के बाद स्टोक्स की टीम बाकी के तीन टेस्ट में दूर-दूर तक कही नजर नहीं आई। इंग्लैंड को रांची टेस्ट में 5 विकेट से हार का सामना करना पड़ा और बैजबॉल खेलने के इरादे से भारत आई इंग्लिश टीम को सीरीज से हाथ धोना पड़ा। इस सीरीज में टीम इंडिया के यंगिस्तान ने कमाल का प्रदर्शन किया है। विशाखापट्टनम में यशस्वी जायसवाल के बल्ले से दोहरा शतक देखने के बाद उसी मैच की दूसरी पारी में शुभमन गिल ने नंबर 3 पर बल्लेबाजी करते हुए 104 रन की कमाल पारी खेली थी। जिसके दम पर भारत ने विशाखापट्टनम में 106 रन से जीत हासिल की।

विशाखापट्टनम टेस्ट के बाद राजकोट टेस्ट में यशस्वी जायसवाल ने एक और दोहरा शतक ठोका। जबकि सरफराज खान ने दोनों पारियों में अर्धशतक जमाया था। इसके अवाला ध्रुव जुरेल ने भी 46 रन की उपयोगी पारी खेली थी। जिसके दम पर भारत 434 रन की ऐतिहासिक जीत दर्ज करने में सफल रहा था। अब रांची टेस्ट में भी एक बार फिर भारत के यंगिस्तान ने कमास का प्रदर्शन किया और सीरीज में 3-1 की अजेय बढ़त दिलाने में अहम भूमिका निभाई।

इंग्लैंड के बैजबॉल क्रिकेट ने पिछले कुछ वर्षों में कमाल का प्रदर्शन किया पर जब बेन स्टोक्स की कप्तानी वाली टीम भारत में बैजबॉल खेलने आई तो उसे सीरीज से हाथ धोना पड़ा। रांची टेस्ट तक पहुंचते-पहुंचते इंग्लैंड की टीम ने बैजबॉल क्रिकेट छोड़ पारंपरिक टेस्ट क्रिकेट को महत्व देना जरूरी समझा। उन्हें इसका फायदा रांची टेस्ट की पहली पारी में मिला और उनके सबसे अनुभवी बल्लेबाज जो रूट ने इस सीरीज का पहला शतक लगाया।

रांची टेस्ट की पहली पारी में जो रूट ने 122 रन बनाने के लिए 274 बॉल खेली थी। वहीं बेन फोक्स ने 47 रन बनाने के लिए 126 गेंदों का सामना किया था। जबकि दूसरी पारी में जैक क्रॉली ने 60 रन बनाने के लिए 91 और बेन फोक्स को 17 रन बनाने के लिए 76 बॉल का सामना करना पड़ा था। इससे साफ होता है कि जो टीम भारत में बैजबॉल क्रिकेट खेलने का सपना लेकर आई थी उसे भी चौथे टेस्ट तक आते-आते अपनी रणनीति में बदलाव करना पड़ा।

पिछले कुछ वर्षों में बैजबॉल क्रिकेट ने काफी उपलब्धि हासिल की है। इंग्लैंड ने पाकिस्तान में जाकर 3 टेस्ट की सीरीज में 3-0 से जीत दर्ज की थी। उसके बाद एशेज सीरीज में भी इंग्लिश टीम ने यही रवैया कायम रखा था। पर जब भारत में यहीं टीम बैजबॉल क्रिकेट खेलने आई तब यशस्वी जायसवाल ने अटैकिंग अप्रोच अपनाया और इंग्लैंड के गेंदबाजों को उन्हीं की भाषा में करारा जवाब दिया।

शुभमन गिल ने भी अभी तक इस सीरीज में कमाल की बल्लेबाजी की है। उन्होंने अभी तक परिस्थितियों के अनुसार खुद को ढाला है। रांची टेस्ट में शुभमन गिल ने दूसरी पारी में बेहतरीन बल्लेबाजी की और 124 गेंदों पर नाबाद 52 रन बनाए। जिसमें दो छक्के शामिल थे। गिल की इस पारी में खास बात यह थी कि उन्होंने 119 गेंदों बाद कोई बाउंड्री लगाई थी। इसके अलावा ध्रुव जुरेल ने भी पहली पारी में जहां 149 गेंदों पर 90 रन की पारी खेली। वहीं दूसरी पारी में उन्होंने 77 गेंदों पर नाबाद 39 रन बनाए थे।