नई दिल्ली: भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेली जा रही बॉर्डर-गावस्कर टेस्ट सीरीज का तीसरा मैच सिडनी के मैदान पर खेला गया, जहां पर भारतीय टीम के घायल शेरों ने शानदार खेल दिखाया और मैच के 5वें दिन ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों का डटकर सामना किया और 131 ओवर तक बल्लेबाजी करके मैच को ड्रॉ कराने में कामयाब रहे। मैच खत्म होने के बाद कप्तान अजिंक्य रहाणे ने भारतीय टीम की तारीफ करते हुए कहा कि हम टूटे, फूटे, चोटिल हुए लेकिन इसके बावजूद खिलाड़ियों ने कैरेक्टर में कमी नहीं होने दी।

उल्लेखनीय है कि ऐसा बेहद कम देखने को मिलता है जब भारतीय टीम को चौथी पारी में 407 रनों का पीछा करना हो और 98 रन पर 2 विकेट खोने के बाद भारतीय टीम आखिरी दिन सिर्फ 3 विकेट खोये और टीम को लगभग जीत की दहलीज पर पहुंचा दे और ड्रॉ कराने में कामयाब रहे। रविवार को जब चौथे दिन का खेल खत्म हुआ तो भारतीय टीम ने अपने दोनों सलामी बल्लेबाज महज 98 रन पर खो दिये थे, वहीं हरफनमौला खिलाड़ी रविंद्र जडेजा का थंब इंजरी के चलते खेलना नामुमकिन नजर आ रहा था।

वहीं ऋषभ पंत भी कोहनी में चोट की वजह से पिछले 2 दिनों से दर्द से जूझ रहे थे, इसके बावजूद जब पंत आखिरी दिन मैदान पर उतरे तो शायद ही किसी को अंदाजा हो कि वह कितने दर्द में थे। वहीं अश्विन के साथ मैच को ड्रॉ कराने के लिये नाबाद 62 रनों की साझेदारी करने वाले हनुमा विहारी भी मांसपेशियों में खिंचाव से जूझ रहे थे जिसकी वजह से दौड़ लगा पाने में नाकाम हो रहे थे।

हालांकि इतने दर्द के बावजूद जहां ऋषभ पंत ने 97 रनों की आतिशी पारी खेली और पुजारा के साथ 148 रनों की साझेदारी कर टीम को बचाने का काम किया तो वहीं हनुमा विहारी ने 161 गेंदों का सामना किया। इस दौरान कई बार गेंद उनके शरीर पर लगी लेकिन इसके बावजूद वह क्रीज पर टिके रहे। रिपोर्ट की मानें तो भारतीय टीम के इन दोनों खिलाड़ियों ने पेनकिलर्स की हेवी डोज ले रखी थी और टीम का सम्मान बचाने के लिये दर्द के बावजूद मैदान पर जमकर खेले।

आपको बता दें कि मैच के दौरान जब भी ड्रिंक ब्रेक हो रहा था या ड्रेसिंग रूम से कोई मैदान पर आ रहा था तो इन खिलाड़ियों के लिये पेनकिलर लेकर आ रहा था और वो उसी के सहारे मैदान पर टिके हुए थे। हैमस्ट्रिंग इंजरी से जूझ रहे विहारी को मैच के बाद स्कैन के लिये ले जाया गया जहां पर उनकी स्थिति के बारे में पता चल सकेगा।