स्पोर्ट्स डेस्क
बांग्लादेश के खिलाफ ढाका टेस्ट में टीम इंडिया मुश्किल में दिखाई दे रही है. पहली पारी में बांग्लादेश पर बढ़त हासिल करने का बावजूद टीम इंडिया दूसरी पारी में इसका खास फायदा नहीं उठा सकी. दूसरी पारी में कई कैच छोड़ने का खामियाजा ये हुआ कि बांग्लादेश ने दूसरी पारी में 231 रन बनाए और भारत को 145 का लक्ष्य दिया. अब ये लक्ष्य दिखने में बड़ा नहीं है, लेकिन किसी भी टेस्ट मैच की आखिरी पारी में इसे हासिल करना आसान नहीं होता. खास तौर पर जब आप एशियाई परिस्थितियों में खेल रहे हों.

अब असली कहानी पर आते हैं, जो बताता है कि क्यों ये लक्ष्य टीम इंडिया के लिए न सिर्फ मुश्किल है, बल्कि पिछले कुछ सालों के रिकॉर्ड को देखते हुए नामुमकिन सा नजर आता है. आंकड़े बताते हैं कि पिछले 7 सालों में यानी 2015 से अभी तक भारत को जब-जब टेस्ट मैच की चौथी पारी में 140 से ज्यादा का लक्ष्य मिला है, टीम इंडिया सिर्फ लड़खड़ाई है.

आंकड़ों के मुताबिक, इन 7 सालों में 14 मैचों में भारत ने लक्ष्य का पीछा करते हुए सिर्फ एक मैच जीता है, जबकि 9 में उसे हार मिली है और 4 मैच ड्रॉ रहे हैं.

ये इकलौती जीत उसे 2021 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ ब्रिसबेन टेस्ट में मिली थी, जब ऋषभ पंत ने हैरतअंगेज पारी खेलते हुए भारत को 329 रनों के लक्ष्य तक सफलतापूर्वक पहुंचाया था. इसके अलावा भारतीय टीम अपने घर में हो या इंग्लैंड में या श्रीलंका में या साउथ अफ्रीका में या ऑस्ट्रेलिया में, हर जगह चेज करते हुए हारी है.

वहीं ढाका टेस्ट में भी टीम इंडिया की हालत बेहद खराब है. तीसरे दिन का खेल खत्म होने तक भारत ने 4 विकेट खोकर 45 रन ही बनाए थे. उसे अगले दो दिनों में 100 रनों की जरूरत है, जबकि 6 विकेट हाथ में हैं.