बिजनेस ब्यूरो
एअर इंडिया की बिक्री प्रक्रिया में Tata sons ने सबसे ज्यादा कीमत लगाकर इस सरकारी एयरलाइन का कंट्रोल खरीद लिया। यह दूसरा मौका है जब सरकार एअर इंडिया में अपनी हिस्सेदारी बेचने की कोशिश कर रही है. इससे पहले 2018 में सरकार ने कंपनी में 76 फीसदी हिस्सेदारी बेचने की कोशिश की थी लेकिन उसे कोई रिस्पांस नहीं मिला था.

एअर इंडिया के लिए टाटा ग्रुप और स्पाइसजेट (SpiceJet) के अजय सिंह ने बोली लगाई थी. सूत्रों के अनुसार दिसंबर 2021 तक एअर इंडिया की विनिवेश प्रक्रिया पूरी हो जाएगी. Air India के लिए सरकार ने फाइनेंशियल बिड्स मंगवाई थीं. ये सरकार के विनिवेश कार्यक्रम का हिस्सा भी है. सरकार एअर इंडिया और एअर इंडिया एक्सप्रेस की अपनी 100 फीसदी हिस्सेदारी, जबकि ग्राउंड हैंडलिंग कंपनी AISATS की 50 फीसदी हिस्सेदारी बेचेगी.

Air India की शुरुआत 1932 में टाटा ग्रुप ने ही की थी. टाटा समूह के जे. आर. डी. टाटा ने इसकी शुरुआत की थी, वे खुद भी एक बेहद कुशल पायलट थे. द्वितीय विश्व युद्ध के बाद भारत से सामान्य हवाई सेवा की शुरुआत हुई और तब इसका नाम Air India रखकर इसे एक सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी बना दिया गया. वर्ष 1947 में देश की आज़ादी के बाद एक राष्ट्रीय एयरलाइंस की जरूरत महसूस हुई और भारत सरकार ने Air India में 49% हिस्सेदारी अधिग्रहण कर ली. इसके बाद 1953 में भारत सरकार ने एयर कॉरपोरेशन एक्ट पास किया और Tata Group से इस कंपनी में बहुलांश हिस्सेदारी खरीद ली. इस तरह Air India पूरी तरह से एक सरकारी कंपनी बन गई.