टीम इंस्टेंटखबर
अमेरिका को सबसे बड़ा दुश्मन मानने वाले तालिबान की अफ़ग़ानिस्तान में सत्ता पलट के बाद जब सरकार का गठन हुआ और शपथ ग्रहण की बात होने लगी तो मीडिया में यह बात बहुत ज़ोर से गश्त करने लगी कि अमेरिका के सबसे बड़े जख्म यानी 9/11 हमले के ज़ख्म पर नमक छिड़कने के लिए तालिबान के नेतृत्व में बनी आंतरिक सरकार 9/11 की बीसवीं बरसी पर शपथ लेगी। मगर अब तालिबान की तरफ इस बात को साफ़ कर दिया गया है कि आंतरिक सरकार का कोई भी शपथ ग्रहण समारोह अब नहीं होगा क्योंकि सरकार पहले से ही काम करने लगी है.
अफगान सरकार के सांस्कृतिक आयोग के सदस्य इनामुल्ला समांगानी ने ट्विटर पर कहा कि नई अफगान सरकार का शपथ-ग्रहण समारोह कुछ दिनों पहले रद्द कर दिया गया था। लोगों को और भ्रमित न करने के लिए इस्लामिक अमीरात के नेतृत्व ने कैबिनेट की घोषणा की और यह पहले से ही काम करना शुरू कर दिया है। वहीँ तालिबान प्रवक्ता सुहेल शाहीन भी इस बात की पुष्टि कर दी है कि शपथ ग्रहण समारोह अब प्लान का हिस्सा नहीं है.
विशेषज्ञों के अनुसार तालिबान ने यह फैसला इसलिए किया कि उसकी पहले से बनी हुई निगेटिव इमेज और खराब न हो. तालिबान अपनी छवि को उदार बनाने या कह सकते हैं दिखाने में लगा हुआ है. इसके अलावा एक सबसे बड़ी यह भी है कि तालिबान को यह मालूम है कि उसके शपथ ग्रहण समारोह में पाकिस्तान को छोड़कर किसी भी देश के नुमाइंदे की शिरकत पर सवाल खड़ा हो सकता है , ऐसे में तालिबान पूरी तरह एक्सपोज़ हो जायेगा कि उसे सिर्फ गिनती के देशों का समर्थन हासिल है.
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