आगरा: दुनिया की सबसे खूबसूरत इमारत ताजमहल को 188 दिन की बन्दी के बाद रविवार से पर्यटकों के लिए खोल दिया गया. न देखने वालों की भीड़, न कोलाहल, न ही किसी तरीके की अफरा-तफरी. गहरी शांति में खड़ा धवल ताजमहल और उसको देखने के लिए अंगुलियों पर गिने जाने वाले पर्यटक आज के दिन को सतरंगी बना गए.

कोरोना के दौर में ताजमहल को देखने के लिए तमाम एहतियात बरती जा रही है. इन एहतियातों के बीच आने वाले पर्यटकों ने ताजमहल को देखना शुरू कर दिया है.ताजमहल में पहली एंट्री एक चीनी पर्यटक ने ली. ताजमहल की टिकट खिड़की बंद है और ऑनलाइन टिकट लेने की व्यवस्था की गई है. ताजमहल के कब्र वाले कक्ष में 5 पर्यटकों जाने की अनुमति दी गई. डिजिटल पेमेंट से पार्किंग टिकट और अन्य भुगतान हो रहे हैं.

सन् 1653 में बनकर तैयार हुई 561 फीट ऊंची इमारत, इतिहास में इतने लंबे समय तालाबंदी का शिकार नहीं हुई थी. यह पहला मौका है जब ताजमहल 17 मार्च से 20 सितंबर के लिए बंद किया गया.

ताजमहल के खुलने के साथ ही एक बात और साफ हो गई है कि भारत के लोग कोरोना जैसी घातक महामारी के साथ लगभग जीना सीख गए हैं. ताज के दीदार से पहले मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग की अनिवार्यता के साथ पर्यटक ताजमहल देखने के लिए जा रहे हैं.

शू कवर, टिश्यू पेपर के साथ खाली बोतल को डस्टबिन में डालना अनिवार्य किया गया है. स्मारक में ग्रुप फोटोग्राफी को बैन कर दिया गया है. ताजमहल के लाइसेंसधारी फोटोग्राफरों को भी ग्रुप में बांटा गया.

ताजमहल के लिए एक दिन में अधिकतम 5000 पर्यटकों को दीदार कराया जाएगा. ताजमहल को देखने के लिए पर्यटकों की ढाई हजार की संख्या एक बार में निर्धारित की गई है.

188 दिन बाद खुले ताजमहल का दीदार करने वाला पहला पर्यटक चीन का था. चीन के पर्यटक ने ऐसे समय में ताजमहल का दीदार किया जब यहां सन्नाटा पसरा हुआ है.