Tag Archives: ZEENAT SHAMS

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मरता मज़दूर और आत्मनिर्भरता का डोज़

ज़ीनत शम्स श्रमिक वह है जो अपने शारीरिक और मानसिक बल पर देश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है| उद्योगपति इन्हीं श्रमिकों के दम पर बिजनेस टाइकून बनते हैं और सरकार
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कोरोना की नकारात्मकता में सकारात्मकता की तलाश

ज़ीनत शम्स दुनिया में लगभग 7. 8 अरब इंसान रहते हैं, इंसानों से अलग भी दुनिया में लगभग 8.7 करोड़ विभिन्न प्रकार की प्रजातियां रहती हैं जिनमें तरह तरह के जंगली जानवर,
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मदर्स डे स्पेशल–कोरोना का बोझ भी उठा लेगी माँ

ज़ीनत शम्स मदर्स डे मनाने का विचार सन 1870 में अमेरिका की जूलिया होव को आया था| हर वर्ष वह मदर्स डे मनाकर महिलाओं को प्रोत्साहित करती थीं| दस वर्षों तक जूलिया
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मज़दूर कहें या मजबूर

ज़ीनत शम्स लोकतन्त्र में शासक का कर्तव्य सर्वसाधारण के लिये न्याय की स्थापना करना है। एक संवेदनशील व्यक्ति ही न्याय को परिभाषित कर सकता है। कोरोना क्या आया मानो हमारे देश के
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धर्म के व्यवसाय पर कोरोना का कितना बड़ा प्रभाव?

ज़ीनत शम्स धर्म एक सामाजिक, सांस्कृतिक व्यवस्था है जो हमारे व्यवहार, नैतिकता, संसार और मानव जीवन का एक व्यापक विचार और मानवता को मिलकर बना है| धर्म में आस्था से अर्थव्यवस्था भी
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चलिए इस बार ईद को नया आयाम दें–

ज़ीनत शम्स कोरोना ने रमज़ान के इस पवित्र महीने में इस बार लोगों को घरों में ही इबादत करने पर मजबूर कर दिया है| पहली बार आज की पीढ़ी के मुसलमानों ने
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रिटेल सेक्टर में बढ़ता विदेशी निवेश स्वदेश के लिए खतरे की घंटी

ज़ीनत शम्स भारत एक विकासशील देश है और जनसँख्या अधिक होने के कारण यहाँ पर खुदरा व्यापार का क्षेत्र बहुत बड़ा है| भारत में लगभग 6 करोड़ खुदरा दुकानदार हैं और लगभग