नवेद शिकोह ” जिनकी सांसें चल रही हैं अब तलक,ख़ुद का नंबर आए तब तक ताज़ियत देते रहें “। मौत की झड़ी लगी है, सबका नंबर आ रहा है। कोई पहले कोई