राजेंद्र शर्मा चलिए, अब ऑफिशियल हो गया। आरएसएस के प्रचार सचिव, आंबेकर साहब ने खुद अपने श्रीमुख से इसका एलान किया है कि अकबर और टीपू सुल्तान अब ‘‘महान’’ नहीं रहे। आजादी
(आलेख : राजेंद्र शर्मा) दो दिनों में फैले आरएसएस के शताब्दी वर्ष के केंद्रीय आयोजनों ने जितने बलपूर्वक उसके बुनियादी तौर पर एक राजनीतिक संगठन और वर्तमान सत्ता की राजनीति करने वाला
राजेंद्र शर्मा गुरु गुड़ रहा और चेला शक्कर हो भी गया तो क्या? आखिर, मोदी जी के संगठन रूपी गुरु का मामला था। चेला बादल देखकर बेनिफिट ले सकता था, तो गुरु
(आलेख : राजेंद्र शर्मा) हैरानी की बात नहीं है कि दिल्ली चुनाव के सिलसिले में कम-से-कम एक बात पर सभी सहमत होंगे। वह यह कि भाजपा, इस चुनाव को जीतने के लिए
राजेंद्र शर्मा का व्यंग्य भाई मानना पड़ेगा, मोदी जी की फकीरी को। करोड़ों लोगों के सिर पर पक्की छत का इंतजाम करने में लगे हुए हैं। इसी सब के लिए अठारह-अठारह घंटे
(आलेख : राजेंद्र शर्मा) जिनके घर खुद शीशे के हों, उन्हें दूसरों के घरों पर पत्थर नहीं फैंकने चाहिए। यह पुरानी कहावत भी, ऐसा लगता है कि नरेंद्र मोदी के हिसाब से
राजेंद्र शर्मा का व्यंग्य प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडन की पत्नी को 2023 में सबसे महंगा तोहफा दिया था।थैंक यू मोदी जी, आपने भारत को दुनिया से विश्व गुरु मनवा
राजेंद्र शर्मा आखिर ये मोदी जी के विरोधी चाहते क्या हैं? हिंदू क्या अपने धर्म की रक्षा भी नहीं करें। और वह भी हिंदुस्तान में। आखिर, पटना में अटल जी के जन्म
(आलेख : प्रभात पटनायक, अनुवाद : राजेंद्र शर्मा) फ़ासीवादी सरकारों का मकसद जनता को अधिकारहीन बनाना होता है और मोदी सरकार इसका अपवाद नहीं है। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना
(आलेख : राजेंद्र शर्मा) क्या संसद का शीतकालीन सत्र उसी रास्ते जा रहा है, जिस रास्ते पिछले कई सत्र गए हैं। कुल तीन हफ्तों के सत्र में पहले हफ्ते संसद के लगातार