Tag Archives: kanval bharti

Tweet about this on TwitterShare on LinkedInEmail this to someoneShare on FacebookShare on Whatsapp

कांग्रेस को हारना ही था, शायद आगे भी हारे

(कँवल भारती) राजनीति में हार-जीत लगी रहती है, लेकिन मौजूदा राजनीति में, राजस्थान, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ राज्यों में कांग्रेस की हार ख़ास मायने रखती है। और वह इसलिए कि कांग्रेस की यह
Tweet about this on TwitterShare on LinkedInEmail this to someoneShare on FacebookShare on Whatsapp

धर्मान्तरण से आरएसएस और भाजपा को मिर्ची क्यों लगती है?

(कँवल भारती) 1993 में तत्कालीन केन्द्र सरकार ने, जो कांग्रेस की थी, राजनीति में धर्म का उपयोग रोकने के लिए संसद में धर्म-विधेयक प्रस्तुत किया था. जाहिरा तौर पर कांग्रेस का मकसद
Tweet about this on TwitterShare on LinkedInEmail this to someoneShare on FacebookShare on Whatsapp

धर्मनिरपेक्षता की राजनीति से भाजपा से नहीं लड़ा जा सकता

(कँवल भारती) जिस तरह उत्तर प्रदेश में भाजपा ने मायावती को मुख्यमंत्री बनाकर अपना जनाधार बढ़ाया, उसी तरह उसने बिहार में नितीश कुमार को मुख्यमंत्री बनाकर अपनी ताकत बढ़ाई. मायावती और नितीश
Tweet about this on TwitterShare on LinkedInEmail this to someoneShare on FacebookShare on Whatsapp

वाल्मीकि जयंती के बहाने हिन्दूवाद को बढ़ावा

आरएसएस के जाल से मुक्ति बिना वाल्मीकि समाज का स्वतंत्र विकास नहीं राजनीतिक नुकसान की भरपाई के लिए हुआ है सरकारी स्तर पर वाल्मीकि-जयंती मनाने का फैसला (कँवल भारती) उत्तरप्रदेश की भगवा
Tweet about this on TwitterShare on LinkedInEmail this to someoneShare on FacebookShare on Whatsapp

बहुजन राजनीति के उद्भव और पतन की कहानी के कुछ सूत्र

-कँवल भारती (नोट: यद्यपि यह लेख 2018 का है परंतु कंवल भारती का 2019 के चुनाव में भी बहुजन राजनीति की दुर्दशा का आंकलन बिल्कुल सही निकला।– एस आर दारापुरी) यह कहानी
Tweet about this on TwitterShare on LinkedInEmail this to someoneShare on FacebookShare on Whatsapp

डा. आंबेडकर का मिशन राजकीय समाजवाद है

कँवल भारती डा. आंबेडकर का मिशन ‘राजकीय समाजवाद’ था. मायावती जी के भक्त, जिन्होंने डा. आंबेडकर के साहित्य का कखग भी नहीं पढ़ा है, अगर चाहें तो उनकी एक किताब “राज्य और