Tag Archives: badal saroj

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… क्या डर है, जिसको छुपा रहे हो!!

(आलेख : बादल सरोज) लगने को तो अनेक को लग सकता है कि हमारे प्रधानमंत्री जी बड़े विनोदी हैं, मजाकिए भी हैं। हालांकि अगर ऐसा लगता है तो कोई अजीब बात भी
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गांधी मैदान ने नानी याद दिलाई : परिवार की ढूंढ-तलाश में निकले मोदी

(आलेख : बादल सरोज) जैसे-जैसे चुनाव की तारीखें करीब आ रही हैं, मोदी और उनकी पार्टी, जिसका नाम अभी तक भाजपा है, की बेचैनी और घबराह्ट बढ़ती ही जा रही हैं। स्वाभाविक
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एसबीआई 2014 से ही है खालाजी का घर

(टिप्पणी : बादल सरोज) बात 2014 की है। अभी सेहरा बंधने के निशान मिटे भी नहीं थे – संसद की सीढियां उन पर बहाए गए आंसुओं से अभी भी गीली थी …
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युवाओं को मोदी का अनूठा टास्क : सेल्फी खेंचो –एप्प में डाल तमाशा देखो!

(आलेख : बादल सरोज) भाजपा के सुप्रीमो युगपुरुष मोदी जी की सबसे बड़ी खासियत यह है कि देश की जनता जब उनसे प्रधानमंत्री – जिस रूप में वे शायद ही कभी रहे
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मुंहबली बाबा और 400 पार का शोर!

(आलेख : बादल सरोज) पहले इस संसद के आख़िरी सत्र में और उसके बाद इसी रविवार को भाजपा सुप्रीमो नरेंद्र मोदी ने इस बार चार सौ पार का नारा देकर अपनी पार्टी
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भारत रत्न बना राजनीतिक सहयोगी फंसाने का चारा!

(आलेख : बादल सरोज) बाकी भले देश की माली और समाजी दरो-दीवारों पर सब्जा उग रहा हो और सारी उम्मीदें बयाबां में मुंह छुपाये खड़ी हों, घर में भारत रत्नों की बहार-सी
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बिलकिस बानो फैसला : ज्यादा-सी राहत, थोड़ी-सी आश्वस्ति

(आलेख : बादल सरोज) बुरी से बुरी होती खबरों, सहमाते, चौंकाते न्यायालयीन फैसलों और न्यायालय के शीर्ष सहित शीर्षस्थ संवैधानिक पदों पर बैठे व्यक्तियों के स्तब्धकारी निजी और आधिकारिक आचरण की घटनाओं,
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एक जोड़ी जूते के नीचे दबा दबदबा

बादल सरोज जूतों और मनुष्य समाज का साथ नया नहीं है – होने को तो जब से आदिमानव ने चलना सीखा होगा, तभी से पंजों के निचले हिस्से के बचाव के लिए