Tag Archives: arif nagrami

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औरंगजेब आलमगीर के उस्ताद शेख मुल्ला अहमद जीवन रह0

मोहम्मद आरिफ नगरामी अवध वह सरजमीन है जिस की खमीर से ऐस ऐसे आलिमे बाअमल उठे हैं जिनकी जिन्दिगी मशअले राह बनी मुल्ला निजामुद्दीन सहलवी और उनके अखलाफ जिनको उलमाये फिरंमहल के
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खाना काबा दुनिया में खुदा के जलाल व जमाल का आईना

मोहम्मद आरिफ नगरामी खानये काबा क्या है? इस दुनिया में अर्शे इलाही का साया है। यह रहमतों और बरकतों का खजाना है। खुदा के जलाल व जमाल का आईना है। यह तौहीद
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Last Mughal Emperor: ‘दो गज जमीं भी न मिली कूए यार में’’

हिन्दुस्तान के आखिरी मुगल शहंशाह बहादुर शाह जफर के यौमे वफात 7 नवम्बर पर खुसूसी मजमून मोहम्मद आरिफ नगरामी हिन्दुस्तान के आखिरी शहंशाह बहादुर शाह जफर को मैकनिन मिस्किजी नाम के बहरी
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मोहसिने मिल्लत सर सैयद अहमद खां

मोहम्मद आरिफ नगरामी 1857 की पहली जंगे आजादी के बाद मायूसियों ने बहुत से लोगों, खास कर मुसलमानों को गिरफत मंे ले लिया था। वह शिकस्त की वजूहात और नये हालात के
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रोशनी का मीनार हाजी वारिस अली शाह

मोहम्मद आरिफ़ नगरामी मुसलमान अपने दौरे फुतुहात में जहां कहीं भी गये अपने साथ इल्म तहज़ीब व तमददुन की रोशनी भी ले गये क्योंकि तारीख के इस राज को वह जान गये
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इस्लामी तक़वीम का दूसरा महीना सफरूल मुज़फ़्फ़र

मोहम्मद आरिफ नगरामी इस्लामी तकवीम का आगाज मोहर्रमुल हराम से होता है जिसका दूसरा महीना सफरूल मुजफ्फर है। मुसलमानों की कुछ तादाद इस महीने को मनहूस समझती है और बहुत सारी तकरीबात
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यौमे आशूरह का पैग़ाम उम्मते मुस्लिमा के नाम

मोहम्मद आरिफ नगरामी आज यौमे आशूरह है। आज का दिन जमाने कदीम से काफी अहमियत का हामिल रहा है। बाज रवायात के मुताबिक उसी दिन हजरत आदम अ. को दुनिया मं उतार
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कुरबानी ऐसी सुन्नत जिसे उम्मते मुहम्मदिया के लिए ईमान का मेयार क़रार दे दिया गया

मोहम्मद आरिफ नगरामी ईदुल अजहा हजरत इस्माईल अलै, की जांनिसारी और जज़्बा तस्लीम व रज़ा की एक ऐसी अज़ीम यादगार है जो तारीखे इंसानी में कुरबानी की हकीकत और कुरबानी के मफहूम
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ईद का पैग़ाम हर मुसलमान मर्द व औरत के लिए

मोहम्मद आरिफ नगरामी इस्लाम एक फित्री मजहब है जिस ने इन्सान की हर जरूरत को हर मौके पर पूरा किया उसकी तालीम दी है एक तरफ एहकामात खुदावंदी इबादतें है नमाज रोजा
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जुमअतुल विदा

मोहम्मद आरिफ़ नगरामी माहे रमज़ान अपनी तमामतर रहमतों, बाबरकात, अनवार व फुयूज़ात, नेक साआत और लम्हात, बाबरकात लैल व नहार, इबादत के मौसम बहार, क़रया क़रया मस्जिद मस्जिद और घर घर तिलावत