Tag Archives: ambedkar

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डॉ. बी. आर. आंबेडकर और उनका स्वतंत्रता बाद के भारत में अस्पृश्यता का अनुभव

एस. आर. दारापुरी डॉ. भीमराव रामजी आंबेडकर (1891-1956), भारतीय संविधान के प्रमुख निर्माता और भारत के पहले कानून मंत्री, भारतीय समाज के सबसे उत्पीड़ित सामाजिक तबके – तथाकथित “अछूतों” से आए थे।
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डा. अंबेडकर और साम्राज्यवाद, ब्राह्मणवाद एवं पूंजीवाद से मुक्ति संघर्ष

(नोट: सिद्धार्थ रामू का यह लेख बहुत सारगर्भित एवं सामयिक है खास करके हिन्दू राष्ट्र के खतरे के सम्मुख। यह बाबासाहेब के संघर्ष के मूल मुद्दों को स्पष्ट रूप से चिन्हित करता
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बहुमत के अत्याचार पर डॉ. आंबेडकर के विचार

एसआर दारापुरी, राष्ट्रीय अध्यक्ष, ऑल इंडिया पीपुल्स फ्रंट (नोट: आज देश में बहुमत के हिन्दुत्व के आतंक के परिपेक्ष्य में डा. अंबेडकर के विचार बहुत प्रासंगिक हैं) भारत के संविधान के प्रमुख
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आंबेडकर की रिपब्लिकन विचारधारा को पुनर्जीवित करने की तत्काल आवश्यकता

प्रशांत भावरे, सनी उके (मूल अंग्रेजी से हिन्दी अनुवाद: एस आर दारापुरी, राष्ट्रीय अध्यक्ष, आल इंडिया पीपुल्स फ्रन्ट) छियासठ साल पहले, 30 सितंबर, 1956 को, नई दिल्ली में डॉ. बी.आर. आंबेडकर के
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सीजेआई गवई ने कहा कि मैं जो कुछ भी हूं, अम्बेडकर की विचारधारा के कारण हूं

बिना श्रेणी
भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) बी आर गवई ने सोमवार को देश के सर्वोच्च न्यायिक पद पर अपनी सफलता का श्रेय डॉ बी आर अंबेडकर के सिद्धांतों और उनके परिवार द्वारा उन्हें
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क्या भाजपा अंबेडकर जयंती मना कर डॉ. अंबेडकर को हड़पने की कोशिश कर रही है?

एस आर दारापुरी, राष्ट्रीय अध्यक्ष, आल इंडिया पीपुल्स फ्रन्ट यह सवाल कि क्या भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अंबेडकर जयंती जैसे समारोहों के माध्यम से डॉ. बी.आर. अंबेडकर की विरासत को हड़पने की
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डॉ. अंबेडकर को खुली छूट होती तो भारतीय संविधान का स्वरूप क्या होता?

एस आर दारापुरी, राष्ट्रीय अध्यक्ष, आल इंडिया पीपुल्स फ्रन्ट अगर बी.आर. अंबेडकर को पूरी तरह से खुली छूट होती तो भारत के संविधान का स्वरूप कैसा होता, इसकी कल्पना करना एक अटकलबाज़ी
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अम्बेडकर के अपमान का कोई भी मौका नहीं छोडती भाजपा: भवन नाथ पासवान

लखनऊआज भारत के 26 प्रदेशों में सक्रियता से काम कर रही सामाजिक संस्था डॉ. अम्बेडकर राष्ट्रीय एकता मंच की एक बैठक संस्था लखनऊ मुख्यालय पर हुई। इसमें अधिकांश वक्ताओं ने केन्द्रीय गृहमंत्री
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अम्बेडकर और सावरकर: भारतीय राजनीतिक स्पेक्ट्रम के विपरीत ध्रुव

— डॉ राम पुनियानी (मूल अंग्रेजी से हिन्दी अनुवाद: एस आर दारापुरी, राष्ट्रीय अध्यक्ष, आल इंडिया पीपुल्स फ्रन्ट) आरएसएस नेता राम माधव ने अपने लेख “अपने इतिहास को जानें” (यानी 3 दिसंबर,
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डॉ. आंबेडकर की राजनीति की वर्तमान में प्रासंगिकता

-एस. आर. दारापुरी, राष्ट्रीय अध्यक्ष, आल इंडिया पीपुल्स फ्रंट (बाबासाहेब के परिनिर्वाण दिवस पर विशेष) डॉ. आंबेडकर दलित राजनीति के जनक माने जाते हैं क्योंकि उन्होंने ही सब से पहले दलितों के