जमीयत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी की ओर से की गई तीन स्तरों (सेंसर बोर्ड, दिल्ली हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट) पर समयबद्ध और मज़बूत कानूनी लड़ाई के नतीजे में विवादित