10th muharram

ज़मीन हिलती थी और आसमान रोता था

ज़मीन हिलती थी और आसमान रोता था,ज़मीने गर्म पे सिब्ते नबी का लाशा था। आज की तारीख़ इसलाम की सरबुलंदी…

अगस्त 9, 2022