तौक़ीर सिद्दीकी

टी-20 विश्व कप में इस बार बड़े अपसेट हुए हैं, बहुत से नज़दीकी मैच हुए हैं, बहुत से मैचों में बारिश हुई, कई मैच तो पूरी तरह धुल गए हैं और कई मैच DLS के हवाले किये गए हैं. सभी टीमें सुपर 12 के चार चार मैच खेल चुकी हैं, सभी टीमों के पास अब सिर्फ एक मैच बचा है. कई टीमें बेशक फाइनल 4 की दौड़ में आगे हैं मगर वह भी गारंटी से नहीं कह सकती कि वह सेमीफाइनल में पहुँच गयी हैं लेकिन टीवी पर कमेंट्री कर रहे लोग, एक्सपर्ट ओपिनियन देने वाले लोग दावे करने से बाज़ नहीं आ रहे हैं. आज ही एक चैनल पर साऊथ अफ्रीका की जीत का दावा किया जा रहा था मगर नतीजा बिल्कुल उल्टा नज़र आया. इसी तरह के पहले भी कई दावे किये गए थे जो गलत साबित हुए. ज़िमबाब्वे और आयरलैंड जैसी टीमों ने पाकिस्तान और इंग्लैंड जैसी टीमों को धूल चटाई लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि यह टीमें कमज़ोर हैं। एक ख़राब दिन दोनों के लिए परेशानी का सबब बन गया. इंग्लैंड आयरलैंड से न हारती तो उसके अब सात अंक हो चुके होते, वहीँ पाकिस्तान को ज़िमबाब्वे से झटका न लगता तो उसके भी 6 अंक हो चुके होते और वह अंक तालिका में टॉप पर होती। भारत की तरह उसके पास भी आठ अंक अर्जित करने का मौका होता। कहने का मतलब यह कि अभी भी कुछ भी हो सकता है, इस अनिश्चित विश्व कप में किसी के साथ भी अनहोनी हो सकती है, तो अभी किसी भी टीम को खुश होने की ज़रुरत नहीं। हर टीम अपने प्रदर्शन के साथ दूसरे के प्रदर्शन पर टिकी हुई लग रही है.

ग्रुप 1 की बात करें तो तीन टीमों न्यूज़ीलैण्ड, इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के पास पांच अंक हैं जबकि श्रीलंका के पास चार. दिलचस्प बात यह है कि चारों टीमों के पास फाइनल 4 जाने का मौका है, किसी के पास आसान मैच है तो किसी के पास मुश्किल लेकिन टी 20 क्रिकेट में किसी भी टीम के लिए कोई मैच आसान नहीं होता, इसलिए यहाँ पर अपसेट भी ज़्यादा होते हैं. अब अंतिम मैच न्यूज़ीलैण्ड को आयरलैंड से खेलना है, तो इंग्लैंड को हराने वाली टीम क्या कीवी टीम को हरा नहीं सकती। न्यूज़ीलैण्ड हारी तो बाहर। ऑस्ट्रेलिया को सात अंकों के लिए अफ़ग़ानिस्तान को हराना पड़ेगा, सिर्फ हराना ही नहीं बल्कि बड़े मार्जिन से हराना पड़ेगा क्योंकि उसका NRR -0.304 है. इसके अलावा उसका मैच इंग्लैंड से पहले है तो कितने मार्जिन से वह अफ़ग़ानिस्तान को हराये जिसे पार कर पाना इंग्लैंड के लिए मुश्किल रहे। फिर अफ़ग़ानिस्तान की टीम कोई हलुवा तो है नहीं, यह अलग बात है कि बारिश का सबसे ज़्यादा नुकसान उसे उठाना पड़ा, उसके दो मैच वाश आउट हो गए , इसके अलावा सुपर 12 की वो अकेली टीम है जिसने अभी तक कोई जीत नहीं दर्ज की है, उसके पास एक अच्छी टीम है , कुछ वर्ल्ड क्लास खिलाडी हैं ऐसे में वह क्या ऑस्ट्रेलिया को हरा नहीं सकती। ऑस्ट्रेलिया हारी तो बाहर। अब बची इंग्लैंड की टीम जिसका अंतिम मैच श्रीलंका से है, श्रीलंका की टीम एक मज़बूत टीम है यह वह इस वर्ल्ड कप में भी साबित कर चुकी है, उसमें इंग्लैंड को हराने का दम भी है तो उसकी जीत पर कोई हैरानी नहीं होनी चाहिए। अब मान लीजिये यही नतीजे अगले दो तीन दिनों में आ जाएँ तो फिर 6 पॉइंट के साथ श्रीलंका सेमीफाइनल में दिखेगी और दूसरी टीम के लिए लड़ाई पांच अंको वाली टीमों में होगी और फैसला NRR पर होगा।

अब चलते हैं भारत के ग्रुप में, जहाँ फिलहाल तो यही लग रहा है कि फाइनल 4 में भारत और दक्षिण अफ्रीका की टीमें आसानी से पहुँच जाएँगी क्योंकि दोनों टीमों को अपना आखरी मैच ज़िमबाब्वे और नीदरलैंड से खेलना है जो ग्रुप की कमज़ोर टीमें मानी जा रही हैं , मगर क्या यह दोनों टीमें आज की तारिख में गारंटी दे सकती हैं? इस ग्रुप की टीमों को अपना आखरी मैच एक ही दिन यानि 26 नवंबर को खेलना है. यहाँ पर हम कह सकते हैं कि सबसे सुरक्षित पोजीशन में भारत है क्योंकि उसके पास ज़िमबाब्वे से हारने के बावजूद फ़ाइनल 4 में पहुँचने का मौका है, वहीँ साऊथ को हार की सूरत में या फिर मैच वाश आउट की सूरत में घर जाना पड़ जायेगा, क्योंकि अगला मैच पाकिस्तान और बांग्लादेश के बीच है और दोनों टीमों के चार चार अंक हैं, ऐसी सूरत में कोई भी टीम जीते तो 6 अंकों के साथ सेमी फ़ाइनल में पहुँच जाएगी, यह अलग बात है कि साउथ अफ्रीका के हारने या उस मैच के वाश आउट होने से भारत और ज़िमबाब्वे के बीच होने वाला सुपर 12 का आखरी मैच सिर्फ औपचारिकता बन जायेगा। तो कहने का मतलब है कि अनिश्चितताओं से भरे इस विश्व कप में अभी इतने ढेर सारे नतीजे संभव हैं. होंगे या नहीं होंगे यह एक अलग विषय है, इसलिए मेरे विचार से भारत को छोड़ किसी भी टीम को अभी ज़्यादा खुश होने की ज़रुरत नहीं है जबतक आखरी मैच न हो जाय.