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भाजपा से बगावत कर इस्तीफा देने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य के बेटे को समाजवादी पार्टी ने ऊंचाहार रायबरेली से टिकट नहीं दिया है। बता दें कि आज सपा ने 159 प्रत्याशियों की सूची जारी की है।

सपा ने स्वामी प्रसाद मौर्य के बेटे उत्कृष्ट मौर्य की जगह पूर्व कैबिनेट मंत्री मनोज पांडे को फिर से रायबरेली की ऊंचाहार से टिकट दिया गया है। 2012 और 2017 में पांडे ने जीत दर्ज की थी।

इस सीट पर दलित मतदाता सबसे अधिक हैं। यहां पर यादव, मौर्या, पंडित, राजपूत, मुस्लिम, एससी, लोध, कुर्मी समेत ओबीसी मतदाता की संख्या अधिक हैं। 2017 में भाजपा ने स्वामी प्रसाद मौर्य के बेटे उत्कृष्ट मौर्य को टिकट दिया था, लेकिन सपा के मनोज पांडे से हार गए थे।

स्वामी प्रसाद मौर्य के अलावा मंत्री धर्म सिंह सैनी और मंत्री दारा सिंह चौहान ने भाजपा से इस्तीफा देकर सपा में शामिल हुए थे। इनके अलावा भगवती सागर (कानपुर में बिल्हौर), रोशनलाल वर्मा (शाहजहांपुर में तिलहर), विनय शाक्य (औरैया में बिधूना), बृजेश प्रजापति (बांदा में तिंदवारी) और मुकेश वर्मा (फिरोजाबाद में शिकोहाबाद) थे।

अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) की मौर्य बिरादरी से ताल्लुक रखने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य मूल रूप से प्रतापगढ़ जिले के चकबड़ गांव रहने वाले हैं। उन्होंने 1980 में सक्रिय रूप से राजनीति में कदम रखा और लोकदल के नेता के रूप में उनकी पहचान बनी। बाद में जनता दल का गठन होने के बाद वह 1991 से 1995 तक उत्तर प्रदेश में जनता दल के महासचिव पद पर रहे।

इसके बाद वह बहुजन समाज पार्टी में शामिल हो गये। मौर्य पहली बार 1996 में बसपा से डलमऊ (रायबरेली) क्षेत्र से विधानसभा के सदस्य निर्वाचित हुए थे और 1997 में मायावती के नेतृत्व वाली भाजपा-बसपा गठबंधन सरकार में खादी ग्रामोद्योग मंत्री बने। मौर्य 2001 में बसपा विधानमंडल दल के नेता बने।