टीम इंस्टेंटखबर
संसद के मानसून सत्र से पहले केंद्र सरकार ने राज्यसभा में विपक्ष के 12 सांसदों को निलंबित करके एक नई परंपरा कायम की है. यह निलंबन मानसून सत्र में हंगामा करने के लिए है. इस निलंबन के बाद अब यह सांसद सदन की कार्यवाई में हिस्सा नहीं ले सकते।
जिन सांसदों को सस्पेंड किया गया है, उनमें कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, शिवसेना, सीपीएम और सीपीआई के सांसद शामिल हैं. सांसदों को 11 अगस्त को राज्यसभा में हंगामा करने पर सस्पेंड किया गया है.
विपक्ष के सदस्यों ने निलंबन को लेकर तीखी प्रतिक्रिया दी है. राष्ट्रीय जनता दल (RJD) नेता और सांसद मनोज झा ने कहा कि अगर निलंबन वापस नहीं हुआ तो संभवत समूचा विपक्ष पूरे शीतकालीन सत्र का बहिष्कार करेगा. शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा, ‘मैं चेयरमैन से मिलूंगी. अगर बात नहीं सुनी गई तो कोर्ट में चेलैंज करूंगी. दूसरी ओर, बीजेपी कोटे से राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने NDTV से बातचीत करते हुए कहा कि विपक्ष के 12 सांसदों को निलंबित किया गया है क्योंकि उन्होंने मॉनसून सत्र के दौरान सदन में अराजकता फैलाई थी और सदन की मर्यादा का उल्लंघन किया था.
गौरतलब है कि संसद के मॉनसून सत्र में राज्यसभा में हंगामे के दौरान धक्का-मुक्की करने और सदन की मर्यादा का कथित तौर पर उल्लंघन करने के आरोपों के बाद राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू ने इस मामले की जांच के लिए एक समिति गठित की थी. इस समिति की सिफारिशों के आधार पर इन सांसदों के खिलाफ आज कार्रवाई की गई.
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