नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों को आठ चरणों में कराने के चुनाव आयोग के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका को मंगलवार को खारिज कर दिया, याचिका में धार्मिक नारों पर प्रतिबन्ध लगाने की मांग भी की गयी थी|

धार्मिक नारों पर भी प्रतिबन्ध की थी मांग
मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ ने उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें राज्य में चुनाव प्रचार के दौरान भारतीय जनता पार्टी और उसके नेताओं से “जय श्री राम” जैसे धार्मिक नारों का इस्तेमाल करने पर रोक लगाने की मांग की गई थी।

उच्च न्यायालय जाने की दी थी सलाह
पहले पीठ ने वकील एमएल शर्मा को याचिकाकर्ता को कलकत्ता उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाने के लिए कहा था। शर्मा ने पीठ से कहा, “मैं आपके फैसले पर भरोसा करता हूं। यह एक चुनाव याचिका का मामला नहीं है। एक पार्टी धार्मिक नारे का इस्तेमाल कर रही है। मुझे उच्च न्यायालय में क्यों जाना चाहिए।”

एक झटके में याचिका को ख़ारिज किया
जब याचिकाकर्ता ने कहा कि मामले को बुधवार को सुनवाई के लिए रखा जाए, तो पीठ ने कहा, “हम आपसे सहमत नहीं हैं और एक झटके में याचिका को खारिज कर दिया गया।”

याचिका में क्या लगाया गया था आरोप
याचिका में पश्चिम बंगाल में चुनाव आयोग को आठ चरण के मतदान से रोकने के लिए शीर्ष अदालत के निर्देश की मांग की गई थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि यह संविधान के अनुच्छेद 14 (समानता का अधिकार) और 21 (जीवन का अधिकार) का उल्लंघन करता है।