नई दिल्ली: एयर इंडिया के विमानों में बीच वाली सीट की बुकिंग न रोकने की याचिका पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने आज केंद्र सरकार को जमकर फटकार लगाई। कोर्ट ने कहा कि आपको केवल एयर इंडिया की चिंता हैं पर हमें देश की चिंता है। शीर्ष कोर्ट ने केंद्र से कहा कि आपको अपने लोगों की (जनता ) की सेहत की चिंता होनी चाहिए, न कि एयरलाइंस की। बॉम्बे हाई कोर्ट के मिडिल सीट खाली छोड़ने के आदेश को एयर इंडिया और केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी, जिस पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई।

सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान सीजेआई ने कहा, ‘अगले 10 दिनों के लिए मध्य सीटों की बुकिंग के साथ एयर इंडिया को विदेशी उड़ानों को संचालित करने की अनुमति दी जाएगी।’ चीफ जस्टिस एसए बोबडे ने एयर इंडिया को निर्देश दिया कि वह अगले 10 दिनों तक नॉन शेड्यूल विदेशी उड़ानों के लिए मिडिल सीट बुक कर सकती है। लेकिन 10 दिनों के बाद उसे बाम्बे हाईकोर्ट के उस आदेश का पालन करना होगा।

सुप्रीम कोर्ट में चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया शरद अरविंद बोबड़े ने कहा कि डायरेक्टरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (डीजीसीए) और एयर इंडिया इस मामले की पेंडेंसी के दौरान किसी भी मानदंड को बदलने के लिए स्वतंत्र हैं। याचिका पर सीजेआई बोबड़े ने कहा कि हम नागरिकों के स्वास्थ्य के बारे में चिंतित हैं। इस मामले में बॉम्बे हाई कोर्ट दो जून को मामले की सुनवाई करेगा।

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को लगाई फटकार लगाते हुए कहा, ‘आपको सिर्फ अपने एयर इंडिया की चिंता है, आपको अपने लोगों की (जनता ) की सेहत की चिंता होनी चाहिए। हमे लोंगों की चिंता है।’ चीफ जस्टिस ने कहा कि डीजीसीए के महानिदेशक और एयर इंडिया अगर जरूरी समझते हैं तो नियमों छूट ले सकते हैं।