नई दिल्ली: चक्रवाती तूफान अम्फान ने ‘सुपर साइक्लोन’ का रूप ले लिया है। पश्चिम बंगाल के तटीय इलाकों में यह 20 मई की दोपहर में पहुंचेगा। इस दौरान हवा की रफ्तार 195 किलोमीटर प्रति घंटा हो सकती है और इससे काफी नुकसान की आशंका है। भारत में इससे पहले ऐसा चक्रवाती तूफान 1999 में आया था। केंद्र सरकार और नेशनल डिजास्टर रेस्पांस फोर्स (एनडीआरएफ) ने सोमवार को यह चेतावनी जारी की। सोमवार को इसे लेकर प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में बैठक भी हुई और तैयारियों का जायजा लिया गया।

केंद्र सरकार की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि बंगाल की खाड़ी में अम्फान ने सोमवार को सुपर साइक्लोन का रूप ले लिया। इससे पश्चिम बंगाल के तटीय इलाकों में काफी नुकसान की आशंका है। यहां यह तूफान 20 मई को 195 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से टकराएगा। पश्चिमी मिदनापुर, उत्तर और दक्षिण 24 परगना, हावड़ा, हुगली और कोलकाता जिले सबसे ज्यादा प्रभावित होने की आशंका है। ओडिशा के जगतिसंहपुर, केंद्रपाड़ा, भद्रक और बालासोर जिले ज्यादा प्रभावित होंगे।

भारतीय मौसम विभाग ने समुद्र में चार से छह मीटर ऊंची लहरें उठने की आशंका जताई है। इससे उत्तर और दक्षिण 24 परगना के निचले इलाके में पानी भर सकता है। पश्चिमी मिदनापुर में तीन से चार मीटर ऊंची लहरें उठने की आशंका है। तूफान के कारण दूरसंचार सेवाएं बाधित हो सकती हैं। इसे देखते हुए केंद्र सरकार ने संबंधित विभागों को तैयार रहने को कहा है ताकि जल्द से जल्द सेवाएं दोबारा शुरू की जा सकें। राहत और बचाव कार्यों के लिए तटरक्षक बल और नौसेना ने पोत और हेलीकॉप्टर तैनात किए हैं। सेना और वायुसेना को भी तैयार रहने को कहा गया है।