लखनऊ:
उत्तर प्रदेश में हर जिले में समाजवादी पार्टी (सपा) द्वारा चलाई जा रही ‘देश बचाओ, देश बनाओ’ साइकिल रैली में अब 30 अक्टूबर को पार्टी मुखिया अखिलेश यादव भी शिरकत करेंगे। अपने इस फैसले के तहत अखिलेश यादव लखनऊ में पूर्वांचल एक्सप्रेस वे से जनेश्वर मिश्र पार्क तक साइकिल चलाते हुए पहुंचेंगे। सपा की यह साइकिल रैली राज्य में पीडीए (पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यक) को एकजुट करने तथा जातीय जनगणना कराने के मुद्दे को लेकर निकाली जा रही है।

कहा जा रहा है कि सोमवार को अखिलेश यादव के इस साइकिल रैली में शामिल होने से सूबे की राजनीति में इन मुद्दों को हवा मिलेगी। इसके बाद अखिलेश यादव सूबे के हर जिले में साइकिल चलकर इन मुद्दों पर जनता को पार्टी के साथ जोड़ने में जुटेंगे, ठीक उसी तरह से जैसे कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने पैदल चलते हुए भारत जोड़ो यात्रा के दौरान लोगों को कांग्रेस ने जोड़ने का प्रयास किया था।

सपा नेता सुनील यादव साजन के अनुसार, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के शासन में यूपी सहित देश बाहर में पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यक समाज के हक हूकू छीने जा रहे हैं. जनता के बीच खड़े होकर भाजपा सरकारों द्वारा पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यक समाज की जा रही अनदेखी को उजागर करने के लिए ही सपा मुखिया अखिलेश यादव ने बीते नौ अगस्त में देश बचाओ, देश बनाओ साइकिल रैली की शुरूआत की थी।

इस साइकिल रैली के जरिए हर जिले में पीडीए फार्मूले की सियासत को तेज करते हुए जातीय जनगणना के मुद्दे को उठाया जाना तय हुआ था। सुनील यादव कहते हें कि इन दोनों मुद्दों को लेकर पार्टी अब तक 80 दिनों में 5000 किमी की यात्रा कर चुकी है। करीब सवा सौ विधानसभा क्षेत्रों से गुजर चुकी पार्टी की यह साइकिल रैली 21 नवंबर को सैफई में खत्म होगी। तब तक पार्टी की साइकिल रैली 25 लोकसभा क्षेत्रों में अपनी मौजूदगी दर्ज करा लेगी। इसके बाद पार्टी की इस साइकिल रैली का दूसरा चरण शुरू होगा, जिसमें पश्चिमी यूपी पर फोकस किया जाएगा।

ऐसा नहीं है कि सपा पहली बार इस तरह की साइकिल रैली निकाल रही है। सपा के लिए साइकिल हर तरह की समस्या को उठाने का प्रमुख हथियार रहा है. सपा के संस्थापक मुलायम सिंह यादव ने बहुत ही सोच विचार कर आम जनता की सवारी रही साइकिल को पार्टी का चुनाव चिन्ह बनाने का फैसला किया था, यहीं नहीं उन्होने सूबे के हर जिले में साइकिल चलते हुए जनता को पार्टी से जोड़ने का कार्य भी किया था।