लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राजस्व प्राप्ति की समस्त सम्भावनाओं पर कार्य करने पर बल दिया है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 से आर्थिक गतिविधियां प्रभावित हुई हैं। इसलिए राजस्व वृद्धि के वैकल्पिक स्रोत चिन्हित करने के लिए कार्ययोजना तैयार की जाए।

मुख्यमंत्री आज यहां अपने सरकारी आवास पर आहूत एक उच्च स्तरीय बैठक में लाॅकडाउन व्यवस्था की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रवासी कामगारों/श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए वृहद कार्ययोजना बनाई जाए। महिला स्वयं सहायता समूह के लिए व्यापक स्तर पर प्रशिक्षण कार्यक्रम संचालित किए जाएं। इन समूहों की सदस्यों को रेडिमेड कपड़े तथा स्वेटर आदि तैयार करने के लिए प्रशिक्षित किया जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना की केमिस्ट्री को समझते हुए ट्रीटमेंट करने की आवश्यकता है। यह भी महत्वपूर्ण है कि शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाकर कोरोना से बचा जा सकता है। प्रदेश सरकार द्वारा लाॅन्च किए गए ‘आयुष कवच-कोविड’ एप में जड़ी-बूटियों पर आधारित आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति से जुड़ी उपयोगी जानकारियों का समावेश किया गया है, जिन्हें अपनाकर लोग अपनी इम्युनिटी को विकसित कर सकते हैं। इसके दृष्टिगत ‘आयुष कवच-कोविड’ एप का व्यापक प्रचार-प्रसार कर लोगों को इसे डाउनलोड करने के लिए प्रोत्साहित किया जाए।

मुख्यमंत्री ने कोविड-19 के खिलाफ जंग तथा इस महामारी से प्रभावित लोगों को राहत पहुंचाने के लिए सरकारी विभागों, निगमों एवं अन्य संस्थानों के कार्मिकों द्वारा किए जा रहे कार्य पर संतोष व्यक्त करते हुए आगे भी इसी प्रकार प्रतिबद्ध होकर कार्य करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि 18 करोड़ लोगों को तीन चरणों में खाद्यान्न उपलब्ध कराया जा चुका है। यह एक बहुत बड़ा कार्य है, क्योंकि 18 करोड़ तो कई देशों की आबादी भी नहीं है।

बैठक में मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया कि प्रदेश में कोविड-19 के मरीजों की रिकवरी की दर 42 प्रतिशत है। यह संख्या रिकवरी की राष्ट्रीय औसत
29.2 प्रतिशत से लगभग 13 प्रतिशत अधिक है। एल-1, एल-2 तथा एल-3 कोविड चिकित्सालयों के 52,000 बेड के क्षमता विस्तार के लक्ष्य के सापेक्ष 53,400 बेड की व्यवस्था कर ली गई हैं। पूल टेस्टिंग में प्रदेश देश में प्रथम स्थान पर है।