सॉउथम्पटन: इंग्लैंड और वेस्टइंडीज के क्रिकेटर चार महीने बाद अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट की बहाली करने वाले पहले टेस्ट की शुरुआत से पूर्व ‘ब्लैक लाइव्स मैटर’ (black live matter) आंदोलन के समर्थन में घुटने के बल बैठे। दर्शकों के बिना रोस बाउल (rose boul) स्टेडियम पर पहली गेंद फेंके जाने से पूर्व फील्डिंग कर रहे वेस्टइंडीज के क्रिकेटर आउटफील्ड में घुटने के बल बैठे। इंग्लैंड के खिलाड़ियों ने भी यही किया। दोनों टीमों ने अपनी जर्सी की कॉलर पर ब्लैक लाइव्स मैटर का लोगो पहन रखा था। वेस्टइंडीज की टीम पहले ही कह चुकी है कि इस दौरे पर उनकी प्रेरणा का स्रोत यह आंदोलन है।

मैच से पहले कोरोना वायरस महामारी में अपनी जान गंवाने वाले लोगों की याद में एक मिनट का मौन रखा गया। खेल बारिश और गीली आउटफील्ड के कारण तीन घंटे देर से शुरू हुआ। वर्षाबाधित पहले दिन अब अधिकतम 70 ओवर ही फेंके जा सकेंगे।

इंग्लैंड के कार्यवाहक कप्तान बेन स्टोक्स (ben stokes) ने टॉस जीतकर बल्लेबाजी का फैसला किया। इंग्लैंड ने लंबे समय से टीम के नियमित सदस्य रहे स्टुअर्ट ब्रॉड को बाहर रखा। वहीं वेस्टइंडीज टीम में रहकीम कॉर्नवाल को जगह नहीं मिली।

नस्लवाद के खिलाफ सशक्त संदेश देते समय भावुक हुए माइकल होल्डिंग (michal holding) ने बुधवार को कहा कि अश्वेत नस्ल को ‘अमानुषिक’ बना दिया गया है और उसकी उपलब्धियों को उस इतिहास से मिटा दिया गया जिसे उन लोगों ने लिखा है जिन्होंने यह नुकसान किया है। अगले साल क्रिकेट कमेंट्री से रिटायर हो रहे होल्डिंग ने इंग्लैंड और वेस्टइंडीज (westindies) के बीच बारिश के कारण रुके पहले टेस्ट के दौरान नस्लवाद पर बातचीत के दौरान यह विचार व्यक्त किये।