नई दिल्ली: 21 जून को मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार ने राज्य 17 लाख लोगों को टीका लगाकर एक कीर्तिमान बनाया और खूब वाहवाही बटोरी, मगर उसके अगले ही दिन टीकाकरण का आंकड़ा औंधे मुँह गिरते हुए 4825 आ गया। आंकड़ों के इस भारी उतार चढ़ाव पर अब शिवराज सरकार की किरकिरी हो रही है। पूर्व वित्त मंत्री पी.चिदंमरबम ने इस अभियान में तंज कसते हुए कहा है कि यह मोदी के विश्व कीर्तिमान की हकीकत है।

केन्द्र सरकार द्वारा एक जुलाई 2021 से देश भर में टीकाकरण का महाअभियान शुरू किया जाना है। मध्य प्रदेश भी इसी के अनुसार तैयारियां की जा रही थी किन्तु मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने अचानक से 21 जून को टीकाकरण का महाअभियान शुरू कर दिया। इसको सफल बनाने के लिए सरकार मशीनरी ने 17 से 20 जून तक राज्य में टीकाकरण काफी कम कर दिया। कई स्थानों पर तो तैयारियों का हवाला देकर पूरी तरह बंद कर दिया। इसका नतीजा यह हुआ कि 16 जून को जहां तीन लाख से अधिक लोगों को टीका लगा था वह अगले चार दिनों में कुछ हजार तक सिमट गया। इस तरह चार दिनों में लगने वाले टीकों को एकत्र कर रिकार्ड बनाने के लिए एक दिन में लगाया गया। इसकी पोल तब खुल गई जब 22 जून को केवल 4825 लोगों को ही टीका लग पाया।

मध्य प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता भूपेन्द्र गुप्ता कहते है कि शिवराज सरकार को केवल रिकार्ड से प्यार है। जो प्रक्रिया सामान्य रूप से चल रही थी उसे असामान्य कर दिया। इससे पूरी मशीनरी में अलग तरह की परेशानियां पैदा हो जाती है। इसके अलावा अभियान शुरू करने से पहले टीके की पर्याप्त व्यवस्था कर लेनी
चाहिए।

पूर्व वित्त मंत्री पी.चिदंबरम ने ट्वििट करते हुए कहा है कि मुझे भरोसा है कि इस कदम को गिनीज बुक में स्थान मिलेगा। कौन जानता है कि मोदी सरकार को औषधि का नोबेल पुरस्कार मिल जाये। मोदी है तो मुमकिन है को अब मोदी है तो मिरैकल पढ़ा जाना चाहिए।

राज्य सरकार के सूत्र बताते है कि 21 जून के बाद प्रदेश के ज्यादातर टीकाकरण केन्द्रों में टीका खत्म हो गया था। अगले दिन के लिए उपलब्ध ही नहीं हो पाया। इसके बाद 23 जून के लिए भी काफी कम टीकों की उपलब्धता हो पाई है। यही वजह है कि टीकाकरण की संख्या में बड़ी गिरावट आई है।