भोपाल: कोरोना वायरस के सबसे अधिक प्रभावित राज्यों में महाराष्ट्र, गुजरात, दिल्ली और राजस्थान के बाद मध्य प्रदेश पांचवें नंबर पर है। झीलों की नगरी भोपाल में कोरोना से 15 लोगों की अब तक मौत हो चुकी है, जबकि शहर में 526 लोग संक्रमित हैं। हैरान करने वाली बात यह है कि मृतकों में 13 ऐसे लोग हैं, जो 1984 की भोपाल गैस त्रासदी में बच गए थे।
भोपाल ग्रुप फॉर इंफोर्मेशन एंड एक्शन के अनुसार कोरोना वायरस के कारण हुई मौतों की कुल संख्या में से तेरह लोग भोपाल गैस त्रासदी के बचे हुए लोग थे। न्यूज़ एजेंसी एएनआई से बात करते हुए भोपाल ग्रुप फॉर इंफॉर्मेशन एंड एक्शन की रचना ढींगरा ने कहा कि भोपाल गैस त्रासदी के पीड़ितों के साथ काम करने वाले संगठनों को यह आशंका थी कि जीवित बचे लोग कोरोना संक्रमण से बुरी तरह प्रभावित हो सकते हैं।
ढींगरा ने कहा कि हमने सरकार को 21 मार्च को ही सूचित कर दिया था कि अगर त्रासदी के पीड़ितों पर विशेष ध्यान नहीं दिया गया तो लोग मारे जाएंगे। ऐसा इसलिए है क्योंकि ज्यादातर पीड़ितों को फेफड़े, गुर्दे और हृदय से संबंधित समस्याएं हैं। उन्होंने कहा कि यह चौंकाने वाली बात है कि उनमें से किसी ने भी कोरोना वायरस के संबंध में अपनी रिपोर्ट नहीं दी थी और उनकी मौत के बाद इस बात का खुलासा हुआ था।
यह पूछे जाने पर कि संगठन को कैसे पता चला कि भोपाल में जो लोग मारे गए थे, वे गैस त्रासदी के शिकार थे, इस बात पर उन्होंने कहा कि हमने उन सभी के परिवारों के साथ बातचीत की है। हमने कुछ चीजों का पता लगाने की कोशिश की कि क्या वह गैस त्रासदी के शिकार थे। इसके बाद हमें उनकी आईडी और अन्य संबंधित दस्तावेज मिले।
बता दें कि कोरोना वायरस के कारण मध्य प्रदेश में अबतक 145 लोगों की जान जा चुकी है, जबकि 2715 लोग वायरस से संक्रमित हैं। वहीं भोपाल में जानलेवा वायरस से अबतक 15 लोगों की मौत हो चुकी है। इनमें से 13 लोग गैस त्रासदी से बचे लोग थे।
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