दिल्ली:
भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ ने शनिवार को एक बड़े बयान में कहा कि कानूनी शिक्षा तक पहुंचने और कानूनी पेशे में प्रवेश करने में कई बाधाएं हैं। उन्होंने कहा कि कॉमन लॉ एडमिशन टेस्ट को क्रैक करना इस तरह की बाधा का एक उदाहरण था। CJI चंद्रचूड़ ने कहा कि CLAT को केवल वही छात्र क्रैक कर सकते हैं जिनकी पहुंच अच्छे अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों तक है।

CJI ने कहा कि ‘CLAT को केवल वही लोग क्रैक कर सकते हैं, जिनकी अंग्रेजी स्कूलों और अच्छे स्कूलों तक पहुंच है। कानूनी पेशे तक पहुंच है? हम बाधाएँ डाल रहे हैं।’ सीजेआई मुंबई में एक समारोह को संबोधित कर रहे थे जहां उन्हें बार काउंसिल ऑफ महाराष्ट्र एंड गोवा द्वारा सम्मानित किया गया। इस दौरान सीजेआई ने अदालती कार्यवाही के लाइव-स्ट्रीमिंग की वकालत की। उन्होंने कहा कि इससे कानून के उन छात्रों को मदद मिलेगी जिनके पास अच्छे प्रोफेसर नहीं हैं।

मुख्यन्यायधीश चंद्रचूड़ ने कहा है, ‘मुझे बताया गया है कि हमें लाइव स्ट्रीमिंग क्यों नहीं करनी चाहिए, इसका कारण यह है कि वकील नाटकीयता में शामिल होंगे। मैं वह निंदक नहीं हूँ। ड्रामा जरूर होगा। एक कारण यह भी है कि कानून के ज्ञान तक पहुंच होगी, जिसके स्कूलों में अच्छे प्रोफेसर नहीं हैं। वे किसी भी मामले को देख सकते हैं और कक्षा में चर्चा हो सकती है।

CJI चंद्रचूड़ ने आगे कहा कि मुझसे हमेशा पूछा जाता है कि हम इतनी फीस क्यों दें. उन्होंने कहा कि ‘किसी को एक इंटर्न या एक वकील के मूल्य को पहचानना चाहिए। हमें युवा लोगों को ऐसे व्यक्तियों के रूप में देखना चाहिए जो अंतर्दृष्टि के लिए बहुमूल्य योगदान देंगे। जब तक हम जूनियर्स को भुगतान करना शुरू नहीं करते, तब तक हमारे पास लोकतांत्रिक बार नहीं हो सकता। सीजेआई ने इस बात पर जोर दिया कि युवा वकील कोर्ट की कार्यवाही के दौरान क्या कर सकते हैं, जिसमें न्यायाधीशों को बार में युवा वकीलों की विचार प्रक्रिया को समझने में सक्षम बनाना शामिल है।

CJI ने आगे कहा, ‘मैं हमेशा जूनियर वकीलों को अपने कोर्ट में मामलों को रेफर करने के लिए प्रोत्साहित करता हूं। चाय के दौरान मुझसे पूछा गया कि मैं ऐसा क्यों करता हूं। मेरे पास 60 मामले थे और यह बढ़कर 110 हो गए हैं। मुझसे पूछा गया कि जब कोई दूसरे काम में लग सकता है तो ऐसी चीजों पर समय क्यों बर्बाद किया जाए। लेकिन, मेरा मानना है कि देश की नब्ज जूनियर वकीलों से जानी जाती है।’