टीम इंस्टेंटखबर
एजी और डीजीपी के मुद्दे पर सोमवार को पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने चन्नी सरकार पर हमला किया। उन्होंने अल्टीमेटम देते हुए कहा कि बेअदबी के मुद्दे पर समझौता करने वाले अफसर चाहिए या मैं, पंजाब सरकार तय कर ले। बताया जा रहा है कि सीएम चन्नी ने सिद्धू की ओर से बनाई जा रही दबाव की की रणनीति को पर आपत्ति जताई है और इस मुद्दे को कांग्रेस आलाकमान के सामने उठाया है।

सिद्धू जिस तरह से बार-बार सरकार के कामकाज में दखल दे रहे हैं, उससे चरणजीत चन्नी खुश नहीं हैं। सिद्धू के दबाव के बावजूद चन्नी कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की सलाह पर कुछ भी टिप्पणी करने से बच रहे हैं। हालांकि, चन्नी ने सिद्धू की ओर से बनाई जा रहे दबाव के बारे में पार्टी आलाकमान को बता दिया है। बताया जा रहा है कि चन्नी ने पंजाब प्रभारी हरीश चौधरी को भी साफ कर दिया है कि जब तक कैबिनेट स्तर पर सहमति नहीं बन जाती, तब तक किसी के भी दबाव में कोई नियुक्ति रद्द नहीं की जाएगी।

खबर के मुताबिक, सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान सिद्धू ने इस बात को भी खारिज कर दिया कि मुख्यमंत्री पद के लिए उन्होंने चन्नी का नाम आगे बढ़ाया था। सिद्धू ने चुनौती दी कि कांग्रेस सरकार तय करे कि उन्हें अधिकारी चुनना है या उन्हें।

सिद्धू की प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद पार्टी के प्रभारी हरीश चौधरी भी हरकत में आ गए। उन्होंने मुख्यमंत्री चन्नी और सिद्धू को तुरंत बैठक के लिए बुलाया। सूत्रों ने बताया कि हमेशा की तरह सिद्धू ने इस बार भी नियुक्तियों का मुद्दा उठाया और बैठक को बीच में ही छोड़कर चले गए। हाल ही में सिद्धू और चन्नी केदारनाथ की यात्रा पर गए थे। कांग्रेस आलाकमान को उम्मीद थी कि ये केदारनाथ यात्रा दोनों को साथ लाएगी लेकिन अब दोनों के बीच दरारें और बढ़ गई हैं।

कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने नाम न जाहिर करने की शर्त पर कहा, ‘नवजोत सिंह सिद्धू दशकों तक आरएसएस और बीजेपी के साथ रहे. जब विरोधी पार्टी सत्ता में होती है तो भी सरकारी अधिकारी काम करते हैं। क्या वो सरकार बदलने पर इस्तीफा दे देते हैं। जब आप अधिकारियों पर भरोसा नहीं करेंगे तो पार्टी को भी आप पर क्यों भरोसा करना चाहिए क्योंकि आप बीजेपी से आए हैं।’