भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (सिडबी), सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) के संवर्धन, वित्तपोषण और विकास में लगे प्रमुख वित्तीय संस्थान ने फाइनेंसर के रूप में एम 1 एक्सचेंज के साथ साझेदारी की है। इस कदम से एमएसएमई को प्रतिस्पर्धी ब्याज दरों पर तरलता/लिक्विडिटी आने की उम्मीद है।

एम1एक्सचेंज एंड-टू-एंड डिजिटल प्रक्रिया के माध्यम से अपने ऑनलाइन बोली मंच के माध्यम से एमएसएमई को 24 घंटे के भीतर प्रारंभिक तरलता प्रदान करता है। यह एमएसएमई के विलंबित भुगतान के मुद्दे को संबोधित करने के लिए एक अत्यधिक प्रभावी और कुशल समाधान है।

एम1एक्सचेंज तीन टीआरईडीएस प्लेटफार्मों में से एक है। टीआरईडीएस को आरबीआई द्वारा विनियमित किया जाता है जो सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) के बिलों में छूट को सक्षम बनाता है जिसके परिणामस्वरूप नकदी प्रवाह और तरलता में सुधार होता है और एमएसएमई के कामकाज में समग्र सुधार होता है। सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम क्षेत्र भारत में उद्यमों की संख्या में प्रमुख हिस्सेदारी के लिए जिम्मेदार है। यह क्षेत्र कृषि के बाद एक प्रमुख रोजगार प्रदाता भी है और इसलिए, इस क्षेत्र का विकास अधिक महत्व रखता है।

अब तक एम1एक्सचेंज ने प्रतिस्पर्धी ब्याज दर पर देश भर के 1,400 शहरों में फैले 14,000 से अधिक एमएसएमई आपूर्तिकर्ताओं को 37,000 करोड़ रुपये से अधिक की बिल छूट की सुविधा प्रदान की है। टीआरईडीएस एमएसएमई के वित्तीय समावेशन को उच्च पैमाने पर, डिजिटल रूप से और सकारात्मक सामाजिक प्रभाव के साथ सक्षम बनाता है। यह वित्तपोषण बिना किसी संपार्श्विक सुरक्षा के और एमएसएमई के लिए सहारा के बिना है। प्लेटफॉर्म को उम्मीद है कि सिर्फ चालू वित्त वर्ष में डिजिटल फैक्टरिंग में उसकी उपस्थिति 25 प्रतिशत से 30 प्रतिशत तक बढ़ेगी और सिडबी के साथ यह साझेदारी इसे बढ़ावा देगी ।