कराची। पाकिस्तान क्रिकेट टीम के पूर्व तेज गेंदबाज शोएब अख्तर ने पाकिस्तान की सेना को लेकर गंभीर चिंता जताते हुए बड़ा बयान दिया है। आर्थिक स्थिति खराब होने के साथ ही पाकिस्तान को बाहर से बहुत सारा ऋण लेना पड़ रहा है। वह कर्ज के दलदल में धंसता जा रहा है। लेकिन ऐसी स्थिति के बावजूद अख्तर का कहना कि वह सेना के बजट में वृद्धि करने के लिए खुद घास खाने के लिए तैयार हैं।

अख्तर ने एआरवाई न्यूज को दिए एक साक्षात्कार में कहा, “अगर अल्लाह कभी मुझे अधिकार देता है तो मैं खुद घास खाने को तैयार हूं, लेकिन सेना का बजट बढ़ा दूंगा।” इतिहास में सबसे तेज गेंदबाज माने जाने वाले ‘रावलपिंडी एक्सप्रेस’ अख्तर ने कहा कि उन्हें समझ नहीं आता कि असैन्य क्षेत्र सशस्त्र बलों के साथ मिलकर काम क्यों नहीं कर सकता। अख्तर ने कहा, “मैं अपने सेना प्रमुख को मेरे साथ बैठने और निर्णय लेने के लिए कहूंगा। यदि बजट 20 प्रतिशत है, तो मैं इसे 60 प्रतिशत कर दूंगा। यदि हम एक-दूसरे का अपमान करते हैं, तो नुकसान हमारा ही है।”

अख्तर ने यह भी दावा किया था कि साल 1999 में जब भारत और पाकिस्तान के बीच कारगिल का युद्ध छिड़ गया था तो उन्होंने इस युद्ध में हिस्सा लेने के लिए इंग्लिश काउंटी नॉटिंघमशायर से मिले 175,000 पाउंड के कॉन्ट्रैक्ट को ठुकरा दिया था। उन्होंने पहले कहा था, ”लोग शायद ही इस कहानी को जानते हों। मेरे पास नॉटिंघम का 175,000 पाउंड के कांट्रैक्ट का प्रस्ताव था। फिर 2002 में मेरे पास एक और बड़ा अनुबंध था। जब कारगिल हुआ तो मैंने दोनों प्रस्ताव ठुकरा दिए थे।”