भारत में चूँकि निर्णय बहुमत के आधार पर लिया जाता है, इसलिए उसे आधार मानकर यही कहा जायेगा कि भारत एक हिन्दू राष्ट्र है. हिन्दू राष्ट्र को लेकर यह बात रायपुर द्वारिकाधीश पीठाधिश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य सदानंद सरस्वती महाराज ने कही है. उनका कहना है कि इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि हिन्दू राष्ट्र की घोषणा हुई या नहीं। चूंकि भारत में हिन्दुओं की संख्या 100 करोड़ है इसलिए बहुमत हिन्दुओं का हुआ. इसी वजह से मैं कह रहा हूँ कि भारत एक हिन्दू राष्ट्र है.

घोषणा करने न करने से कोई फर्क नहीं पड़ता

शंकराचार्य ने कहा कि संत लोग बहुमत को नहीं बल्कि ज्ञान को आधार मानते हैं लेकिन देश तो बहुमत के आधार पर चलता है इसलिए हम भी यही चाहते हैं कि भारत एक हिन्दू राष्ट्र हो, अब यह सरकार पर है कि उसे घोषित करे या न करे लेकिन उससे अब कोई फर्क नहीं पड़ता। उन्होंने कहा कि हिंदू राष्ट्र की बात रामराज्य की कल्पना को उद्देश्य करके ही की जा रही है.अन्य धर्म के लोगों को लेकर शंकराचार्य ने कहा कि हिंदू राष्ट्र का यह मतलब नहीं है कि यहाँ दूसरा कोई रह नहीं सकता है. उन्होंने कहा कि देश संविधान से चल रहा है और संविधान सबको रहने की अनुमति देता है.

पुरानी है हिन्दू राष्ट्र की बात

बागेश्वर धाम धीरेन्द्र शास्त्री स्वरा हिंदू राष्ट्र करने कि मांग को लेकर द्वारिकाधीश पीठाधिश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य सदानंद सरस्वती महाराज ने कहा हिंदू राष्ट्र की बात बहुत पुरानी है, यह कोई नई बात नहीं है. देश की आबादी 140 करोड़ है जिसमें हिन्दुओं की संख्या 100 करोड़ से भी अधिक है, ऐसे में साफ़ है कि जहाँ 80 प्रतिशत हिन्दू रहते हों वो हिन्दू राष्ट्र ही होगा। हम भी राजनीतिक पार्टियों की तरह ही बहुमत की बात कर रहे हैं और बहुमत में हिन्दू हैं.